Ranchi रांची : आस्था का महापर्व पांच नवंबर से शुरू हो रहा है. इसे लेकर छठव्रतियों में खासा उल्साह है. लोग पूजा सामग्री जमा करने में जुट गए हैं. बकरी बाजार और जिला स्कूल में छठव्रतियों की भीड़ उमड़ रह है. छठ पर्व में बांस से बना सूप दउरा की खरीदारी तेजी से हो रही है. इसके साथ ही शहर छठ गीतों से गुंजायमन हो रहा है. 6 नवंबर को को खरना अनुष्ठान होगा. छठ व्रती दिन भर उपवास पर रहेंगे. सूर्यास्त के बाद व्रती भगवान की नेम निष्टा से पूजा पाठ करेंगे. उसके बाद प्रसाद ग्रहण करेंगे. लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया जायेगा. इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ हो जाएगा. सात नवम्बर को श्रद्धालु छठ घाट पर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे.
छठ पूजा में 50 लाख से अधिक का होता है कारोबार
सिल्ली के सावरी देवी ने बताया कि खूंटी, मांडर, जोन्हा, तमाड़, मुरी और सिल्ली से अधिकांश सूप, दउरा मंगाया जाता है. रांची के बकरी बाजार में सप्ताह में बुधवार औऱ शनिवार को दुकान लगता है. लेकिन छठ पूजा को देखते हुए चार दिन से दुकान लगाये जा रहे हैं.यहां पर सभी समुदाय छठ पर्व में दुकान लगाते हैं. दर्जनों दुकानों को मिलाकर चार दिन में लगभग 50 लाख रूपये का सूप दउरा का कारोबार होता है. इस बार छठ पर्व में पांच हजार सूप बनाया गया. अप्रैल म ई महीने से बनाना शुरूकिया है. इस काम में 30-35 महिला-पुरुष मिलकर लगभग पांच हजार सूप बनाये हैं. इसमे पुरुष का काम बांस काटना और सूप बांधना होता है. बाकि महिलाएं सूप बिंधती हैं. एक बांस से तीन से चार सूप ही बनता है.
बिहार में बाढ़ आने से डंभा कम आयाः सलाउद्दीन
बिहार के थोक विक्रेता मुहम्मद जाबार हुसैन, मुहम्मद सलाउद्दीन ने बताया कि बिहार के समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर से रांची में दो एलपी ट्रक लगभग 300 पैकेट छठ पूजा में बेचने के लिए लाया गया है. पिछले साल की तुलना में इस बार दो ट्रक कम आवक हुआ है. क्योंकि बिहार में बाढ़ आने के कारण अधिकांश पेड़ सूख गये. मजदूरी, टोल टैक्स औऱ गाड़ी भाड़ा महंगा होने की वजह से पिछले साल की तुलना में इस बार सात सौ रुपया अधिक महंगा में डंभा बेचना पड़ रहा है. एक पैकेट डंभा का मूल्य 2800-3000 रुपये है. जो पिछले साल से सात सौ रुपया अधिक है. इसके साथ ही इस बार 17 हजार रुपया एक एलपी का किराया देना पड़ा. जो पिछले साल रांची आने में 10 हजार रूपया ही खर्च करना पड़ा था.