Ranchi : जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरू, अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ भगवान मौसीबाड़ी जाएंगे
रांची Ranchi : प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को रथ यात्रा का आयोजन होता है आज द्वितीय तिथि है और आज से ओडिशा के पुरी सहित देशभर में भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा Rath Yatra से शुरू हो रही है. माना जाता है कि आषाढ़ माह के द्वितीय तिथि से दशमी तिथि तक भगवान जगन्नाथ जन सामान्य के बीच रहते है
इधर, झारखंड की राजधानी रांची में भी ओडिशा स्थित पुरी के तर्ज पर भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. इसे लेकर तैयारियां पूरी हो गई है. आज रविवार (7 जुलाई) को रथ यात्रा निकाली जाएगी. और इस बीच अगले 10 दिन यानी 16 जुलाई तक मेले का आयोजन किया जाता है. मेले की भी तैयारी पूरी कर ली गई है. मेले और रथ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसे लेकर 6 जुलाई (शनिवार) को सुरक्षा व्यवस्था के अधिकारियों ने जायजा भी लिया था.
रांची Ranchi के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां की गई है. आज को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ शाम 4:00 बजे रथ पर सवार होंगे और मौसीबाड़ी के लिए रवाना होंगे. इससे पहले 6 जुलाई को भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के एकांतवास से बाहर आए जिसके बाद उनका नेत्रदान किया गया. और इसके बाद भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को दर्शन दिए. वहीं आज यानी (7 जुलाई) को मंगल आरती के बाद रथ में रस्सा बंधन होगा और शाम पांच बजे रथ यात्रा शुरू हो जाएगी. इस दौरान भगवान जगन्नाथ के भक्त रथ की रस्सी खींचकर रथ को मौसीबाड़ी तक पहुंचाएंगे. शाम 7 बजे तक सभी विग्रहों को मौसीबाड़ी में रखा जाएगा. भगवान जगन्नाथ भगवान की आरती और भोग निवेदन किया जाएगा जिसके बाद रात आठ बजे भगवान का पट बंद कर दिया जाएगा.
इसके बाद अगली सुबह यानी 8 जुलाई (सोमवार) को अहले सुबह 5 बजे पट खोला जाएगा और भगवान श्री जगन्नाथ महाप्रभु की पूजा अर्चनी की जाएगी. इसके उपरांत सुबह 6 बजे मंगलआरती और बाल भोग लगाया जाएगा. दोपहर के 12:00 बजे अन्न भोग लगाया जाएगा और दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर पट को फिर से बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद दोपहर 3:00 बजे मंदिर का पट फिर से खोला जाएगा. जिसके बाद भक्त अपने महाप्रभु भगवान जगन्नाथ के रात 8:00 बजे तक दर्शन कर पाएंगे.
इसके अगले दिन (9 जुलाई) शाम 7:30 बजे आरती और भोग निवेदन लगाया जाएगा इसके बाद फिर से रात के 8:00 बजे मंदिर का पट को बंद किया जाएगा. ये क्रम अगले 16 जुलाई तक लगातार चलेगा. 16 जुलाई को रात में भगवान जगन्नाथ महाप्रभु को गुंडिचा भोग लगाया जाएगा. जिसमें उन्हें खिचड़ी, खीर, और सब्जी का भोग लगाया जाएगा. बुधवार (17 जुलाई) को घुरती रथ यात्रा होगी. इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसीबाड़ी से अपने मंदिर में आकर फिर से विराजेंगे.