Ranchi रेमडेसिविर कालाबाजारी की जांच पूरी, मिले साक्ष्य, कोरोना काल में हुआ था खेल, रिम्स के दो कर्मियों पर कार्रवाई शुरू

कालाबाजारी की जांच पूरी, मिले साक्ष्य, कोरोना काल में हुआ था खेल, रिम्स के दो कर्मियों पर कार्रवाई शुरू

Update: 2023-10-07 06:25 GMT
झारखण्ड  कोरोना काल में रेमडेसिविर की कालाबाजारी के चर्चित केस की एसआईटी जांच पूरी हो गई है. एसआईटी के प्रमुख डीजी अनिल पालटा ने बयान जारी कर बताया है कि एसआईटी ने अनुसंधान के क्रम में कई गवाहों के बयान, मोबाइल फॉरेंसिक, कंप्यूटर फॉरेंसिक, वायस स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट रिपोर्ट, केमिकल एनालिसिस रिपोर्ट के आधार पर जांच की.
इस दौरान एसआईटी ने खुलासा किया कि कुल 250 वायल रेमडेसिविर की कालाबाजारी व अनाधिकृत रूप से बिक्री की गई. एसआईटी ने पाया कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर व सरकारी अस्पतालों से निर्गत रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी के आरोप प्रमाणित हुए हैं.
किस-किस के खिलाफ हुई चार्जशीट एसआईटी ने इस मामले में सबसे पहले 26 जून 2021 को गिरफ्तार आरोपी राजीव कुमार सिंह और मनीष कुमार सिन्हा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. बाद में एसआईटी ने इस मामले में सुषमा कुमारी पर चार्जशीट दायर की थी. वहीं, 4 को ईडी ने इस मामले में साई कृपा मेडिकल एंड सर्जिकल के सह प्रोपराइटर, कविलाश चौधरी को मृत दिखाते हुए चार्जशीट की है. वहीं, डॉ सुधाकर देव की पत्नी अंजू कुमारी, अनीष कुमार सिन्हा, पुनीत प्रजापति, आशीष गुप्ता के खिलाफ अंतिम चार्जशीट की गई है. को जिन आरोपियों पर पूरक चार्जशीट हुई, उनमें सभी साई कृपा के सह प्रोपराइटर हैं. डीजी अनिल पालटा ने बताया कि एसआईटी के समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर साई कृपा मेडिकल एंड सर्जिकल का लाइसेंस रद्द हो चुका है.
वहीं रिम्स के दो कर्मियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की गई है. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर 29 अप्रैल 2021 को कोतवाली थाने में दर्ज केस का अनुसंधान एसआईटी बनाकर किया जा रहा था. आरोप था कि अभियुक्तों ने ऊंचे दाम पर कालाबाजारी कर अनधिकृत रूप से रेमडिसिविर बेचा.
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