झारखण्ड : मोदी जाति को लेकर की गई अपमानजनक टिप्पणी के मामले में राहुल गांधी को 15 दिन की मोहलत मिल गई है। मानहानि के मामले में रांची की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने राहुल गांधी को शुक्रवार को अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया था। लेकिन उनके अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने अदालत से 15 दिन की मोहलत मांगी।
उनके अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने बताया कि राहुल गांधी को अदालत में हाजिर होने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इससे पहले 23 मई को हुई सुनवाई के दौरान भी राहुल गांधी के अधिवक्ता के अदालत ने तीन सप्ताह का वक्त मांगा था। बहरहाल, अदालत ने उन्हें 15 दिन की मोहलत देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
रांची के रहने वाले प्रदीप मोदी की तरफ से किए गए मुकदमे में राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मोदी उपनाम वाले सभी लोगों पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिससे पूरे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।
किस मामले में हुई राहुल को सजा?
राहुल गांधी की ओर से 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए कुछ दिन की मोहलत भी दी थी। इसके साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी थी। राहुल ने सूरत की कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की थ्राीं, जिनमें एक को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
राहुल ने क्या कहा था?
दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।