Jharkhand में डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो रहे लोग, जानें इस स्कैम से कैसे बचें

Update: 2025-02-14 08:21 GMT
Ranchi रांची: झारखंड में आम लोग भी डिजिटल हाउस अरेस्ट (डिजिटल अरेस्ट) का शिकार हो रहे हैं. डिजिटल हाउस अरेस्ट साइबर अपराध का नया तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी पीड़ित व्यक्ति को वीडियो कॉल पर डरा-धमकाकर घर पर ही कैद कर लेते हैं. साथ ही उसे इतना परेशान करते हैं कि वह पैसे देने पर मजबूर हो जाता है.
बीते एक माह में राज्य के अलग-अलग जिलों में डिजिटल हाउस अरेस्ट की कई घटनाएं सामने आयी हैं. जिनमें साइबर अपराधी लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों रुपये की ठगी की घटना को अंजाम दे चुके हैं. यहां हम आपको इस स्कैम और इससे बचने के उपाय के बारे में डिटेल में जानकारी
दे रहे हैं.
साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी की :
– 14 जनवरी : रांची के बरियातू निवासी सीसीएल के रिटायर्ड अधिकारी साइबर ठगी का शिकार हो गये. ठगों ने खुद को टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) और साइबर सेल का अधिकारी बताकर डराया. साथ ही झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी. बदमाशों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर उनसे 2.27 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिये.
– 07 फरवरी : देवघर के नगर थाना क्षेत्र स्थित विलियम्स टाउन इलाके में सिलाई का काम करनेवाली एक युवती को डिजिटल अरेस्ट कर मानसिक यातनाएं दी गयीं. पीजी तक पढ़ाई कर चुकी पीड़िता वह सब करती रही, जो अपराधी कहते रहे. वीडियो कॉल पर वह करीब 24 घंटे तक रही.
– 08 फरवरी : मुंबई क्राइम ब्रांच का डीआईजी बनकर साइबर अपराधियों ने धनबाद मुनीडीह के जयकुमार सिंह से 8.70 लाख रुपए की ठगी कर ली. जयकुमार ने साइबर थाने में मामले की शिकायत की है. उसने पुलिस को बाताया कि उनके पास अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आया. कॉल करने वाले ने बताया कि वह मुंबई क्राइम ब्रांच का डीआईजी बोल रहा है. उसके पहनावे और दफ्तर के बैंकग्रांउड से वह झांसे में आ गया.
जानें इस तरह के फोन आने पर क्या करें
अगर साइबर अपराधियों का आपको इस तरह का कॉल आता है तो आप घबराएं और डरे नहीं. साइबर अपराधी अगर कॉल ना काटने दे तो भी आप फोन डिस्कनेक्ट कर दें. इसके तुरंत बाद साइबर क्राइम ब्रांच के हेल्पलाइन नंबर या फिर नजदीकी साइबर थाना से संपर्क करें. साइबर अपराधियों ने जो वारंट भेजा है, उसका सत्यापन करवाएं. अपने दोस्तों और परिवार वालों को पूरी बात बताएं. जरुरत हो तो साइबर क्राइम ब्रांच द्वारा जारी किये गये अधिकारियों के नंबर पर सीधे संपर्क करें.
जानें इस तरह से साइबर क्राइम से कैसे बचें :
सतर्क और सावधान रहें : अगर कभी भी आप इस तरह के कॉल रिसीव करते हैं तो सबसे पहले आपको सावधान रहने की जरुरत है. इसके साथ ही ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड के तरीकों की जानकारी भी रखें. आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरकार, बैंक या फिर कोई भी जांच एजेंसी कॉल पर आपको डरा या धमका नहीं सकती है. आप तुरंत कॉल काट कर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवायें.
पहचान वेरिफाई करने के बाद ही निजी जानकारी करें शेयर : किसी को भी कॉल पर पर्सनल या फाइनेंशियल डिटेल जैसी जानकारी बिल्कुल भी शेयर न करें. अगर इस तरह की जानकारी आपको भेजनी भी पड़ी तो पहले उस कॉलर की पहचान वेरिफाई कर लें. जैसा कि हम पहले भी आपको बता चुके हैं कि बैंक या कोई ऑफिशियल संस्था आपसे फोन पर पिन या आपसे जुड़ी निजी जानकारी नहीं पूछती है.
संदिग्ध गतिविधियां दिखें तो तुरंत करें रिपोर्ट : अगर आपको स्कैमर्स के कॉल या मैसेज आते हैं तो इन्हें रिपोर्ट करें. इसके साथ ही अगर आपके बैंक अकाउंट में कुछ भी संदिग्ध लगता है तो इसकी भी शिकायत करें. स्कैम कॉल या मैसेज को रिपोर्ट करने के लिए आप सरकारी पोर्टल चक्षु का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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