जमाकर्ता हितों का संरक्षण अधिनियम किया जाएगा रद्द

Update: 2023-06-07 04:43 GMT

राँची न्यूज़: गैर बैंकिंग सेक्टर में झारखंड जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय स्थापनाओं में) अधिनियम 2011 में लागू किया गया था, लेकिन राज्य सरकार अब इस अधिनियम को रद्द करने की योजना बना रही है. इस दिशा में वित्त विभाग ने सीआईडी से इस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की जानकारी मांगी है.

इधर, सीआईडी मुख्यालय ने भी सभी जिलों को पत्र लिखकर इस अधिनियम के तहत दर्ज केस की जानकारी मांगी है. विभाग अब यह मंथन करने में जुटा है इस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों का निपटारा कैसे किया जाए, ताकि जल्द से जल्द इस अधिनियम को रद्द किया जा सके.

दरअसल केंद्र सरकार ने साल 2019 में द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट 2019 लागू की. इसके बाद राज्य सरकार ने भी इस कानून को लागू करने की अधिसूचना 25 फरवरी 2022 को जारी की थी. ऐसे में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की 27वीं बैठक में केंद्रीय कानून लागू होने के आलोक में झारखंड जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण अधिनियम को रद्द करने का फैसला लिया गया था.

बिजली दर में वृद्धि जनहित के विरुद्ध लंबोदर:

गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने बिजली दर और फिक्स चार्ज में की गई वृद्धि को जनहित के विरुद्ध कहा है. उन्होंने कहा है कि राज्यभर में बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. बावजूद इसके बिजली दर में वृद्धि कर लोगों को झटका दिया गया है.

लंबोदर ने कहा कि शहर से लेकर गांव तक बिजली की स्थिति दयनीय है. भीषण गर्मी में लोगों को रतजगा करना पड़ रहा है. जलापूर्ति प्रभावित है. राज्यभर के लोग बेहाल हैं. बिजली संकट से बच्चों की पढ़ाई, किसानों की सिंचाई और उद्योग धंधे चौपट हो गए हैं. उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के तीनों प्रखंडों में कई-कई घंटे बिजली कटौती की जा रही है. बिजली नहीं मिलने से परेशान आम आवाम को बिजली बिल भुगतान के लिए भी परेशान किया जा रहा है.

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