झारखंड में आयुष निदेशालय की ओर से पंचकर्म चिकित्सा केंद्र खोलने की तैयारी
पंचकर्म चिकित्सा केंद्र खोलने की तैयारी
रांची: झारखंड में आयुष निदेशालय की ओर से एक साथ 10 पंचकर्म चिकित्सा केंद्र खोलने की तैयारी शुरु कर दी गयी है. जिस दस जिलों में पंचकर्म चिकित्सा केंद्र खुलेंगे वहां अलग से पंचकर्म भवन निर्माण के लिए 4 करोड़ 94 लाख की राशि भी निर्गत कर दी गयी है. पहले चरण में राज्य के दस जिले पूर्वी सिंहभूम,पलामू,हजारीबाग, बोकारो,रामगढ़,धनबाद,गिरिडीह,गोड्डा,देवघर और रांची में पंचकर्म चिकित्सा केंद्र खोले जाएंगे.
दो पंचकर्म विशेषज्ञ रहेंगे मौजूद:
आयुष निदेशालय झारखंड के निदेशक डॉक्टर फजलुस समी के अनुसार 0.25 एकड़ जमीन पर 4 करोड़ 94 लाख 82 हजार 571 रुपये की राशि भवन निर्माण के लिए जारी किया गया है. हर पंचकर्म चिकित्सा केंद्र पर कम से कम दो पंचकर्म विशेषज्ञ आयुर्वेद चिकित्सक की उपलब्धता सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जा रही है. अभी तक राज्य में आयुष के तहत सिर्फ आयुर्वेद,होमियोपैथ और यूनानी पद्धति से इलाज की व्यवस्था थी. जबकि योग प्रशिक्षण की व्यवस्था अभी राज्य के सभी आयुष औषधालय में शुरू नहीं किया जा सका है. रांची के स्टेट योग सेंटर में ही योग का प्रशिक्षण अभी दिया जाता है.पंचकर्म का क्या होगा फायदा: दक्षिण भारत में बेहद लोकप्रिय पंचकर्म चिकित्सा को आयुर्वेद का ही एक हिस्सा माना जा सकता है ,जो मुख्यतः शरीर के शोधन से स्वास्थ्य के सिद्धांत पर काम करता है, आयुर्वेद में वात, कफ और पित्त का काफी महत्व होता है, ऐसे में इस विधि से इन तीनों के दोषों को शोधन विधि से दूर किया जाता है. वमन,विरेचन वमन,विरेचन,अनुवासन,आस्थापन और नस्य विधि ये पांच विधि की वजह से इसे पंचकर्म कहा जाता है. पंचकर्म चिकित्सा जहां कई असाध्य कही जाने वाली बीमारियों में लाभप्रद होता है वहीं इससे शरीर स्वस्थ होता है और त्वचा कांतिमय बनता है. केरल राज्य पंचकर्म में काफी आगे है ,राज्य में भी कई मलयाली संस्थाओं द्वारा पंचकर्म विधि से इलाज किया जाता है पर काफी खर्चीला होने की वजह से सामान्य लोग इसका लाभ नहीं ले पाते, सरकारी स्तर पर पंचकर्म चिकित्सा केंद्र खुलने का लाभ जनसामान्य लोगों को मिलेगा और बिना रसायनयुक्त दवाओं के प्रयोग के लोग स्वस्थ्य हो सकेंगे.