पतरातू से बिजली उत्पादन मार्च 2024 में होगा शुरू, पीएम मोदी ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये की समीक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झारखंड सरकार ने जानकारी दी है कि पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन मार्च 2024 से शुरू होगा और उत्पादित बिजली के संचरण के लिए अक्तूबर 2023 तक ट्रांसमिशन लाइन बना ली जाएगी।

Update: 2022-05-26 04:55 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झारखंड सरकार ने जानकारी दी है कि पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन मार्च 2024 से शुरू होगा और उत्पादित बिजली के संचरण के लिए अक्तूबर 2023 तक ट्रांसमिशन लाइन बना ली जाएगी। वहीं कोयला आधारित इस उत्पादन यूनिट से निकलने वाली राख को डंप करने के लिये 268 एकड़ वन भूमि डायवर्जन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।

यह जानकारी पीएम मोदी की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने दी। प्रधानमंत्री ने झारखंड के पतरातू में 4000 मेगावाट के सुपर थर्मल पावर प्लांट और नॉर्थकर्णपुरा में 1989 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले निर्माणाधीन ऊर्जा उत्पादक संयंत्रों की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा सचिव के साथ नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) के अधिकारी भी मौजूद रहे। एनटीपीसी के अधिकारियों ने भी दोनों परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष जताया।
मार्च 2024 से होगा पतरातू की पहली यूनिट से बिजली उत्पादन
रामगढ़ जिले के पतरातू में पहले चरण में 800 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण और दूसरे चरण में पुरानी यूनिट की जगह इतने ही क्षमता वाली दो और इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इस सुपर थर्मल पावर प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता 4000 मेगावाट होगी। पहली यूनिट से मार्च 2024 में उत्पादन शुरू होगा। इससे पहले अक्तूबर 2023 में उत्पादित बिजली का संचरण करने के लिये ट्रांसमिशन नेटवर्क तैयार कर लिया जाएगा। लाइन राज्य सरकार को बनानी है। राज्य सरकार ने पतरातू थर्मल पावर स्टेशन को बंद कर एनटीपीसी के साथ संयुक्त उद्यम के तौर पर पतरातू विद्युत उत्पादन निगम की स्थापना की है। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी।
नार्थकर्णपुरा प्लांट से अक्तूबर में शुरू होगा उत्पादन
चतरा स्थित नॉर्थ कर्णपुरा थर्मल पावर प्लांट से झारखंड को करीब चार साल से बिजली मिलने का इंतजार अक्तूबर में खत्म होगा। पहले चरण में 660 मेगावाट का बिजली उत्पादन करने के लिये मार्च से तीन हजार आरपीएम (स्पीड) पर टर्वाइन चलाया जा रहा है। उत्पादित बिजली का संचरण करने के लिये नॉर्थ ट्रांसमिशन लाइन बनाई जा रही है। लाइन का काम पूरा होने के बाद एक माह तक ट्रायल होगा। उसके बाद वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन शुरू किया जाएगा। इस थर्मल पावर प्रोजेक्ट की अधिष्ठापित क्षमता 1980 मेगावाट की है। वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी आधारशिला रखी थी। वर्ष 2013 में इसका कार्य आरंभ हुआ। इस प्लांट से 2018 में उत्पादन शुरू होना था।
इसलिये पीएम ने की समीक्षा
दोनों पावर प्लांट कोल पिट पर हैं। यहां उत्पादन शुरू होने पर न सिर्फ झारखंड बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा बल्कि देश में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। कोल पिट पर होने के कारण इन प्लांटों को कोयले की कमी से नहीं जूझना होगा। यहां नियमित उत्पादन होता रहेगा। केंद्र सरकार का जोर जल्द उत्पादन शुरू करने पर है।

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