झारखंड में सियासी संकट, गिरिडीह में बीजेपी नेता बोले- हमें सरकार बनाने की कोई जल्दी नहीं
झारखंड में गहराए सियासी संकट के बीच भाजपा सरकार बनाने की जल्दबाजी में नहीं है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड में गहराए सियासी संकट के बीच भाजपा सरकार बनाने की जल्दबाजी में नहीं है। यह संकेत भाजपा नेताओं ने शनिवार को गिरिडीह के मधुबन में आयोजित प्रशिक्षण शिविर के दौरान दिए। शिविर के दौरान इस मसले पर बातचीत के दौरान यह दर्शाने की कोशिश की कि मौजूदा हालात के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। भाजपा को इस राजनीतिक अस्थिरता में कोई दिलचस्पी नहीं है।
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सीधे जिम्मेदार हैं। खुद के नाम पर, परिवार के नाम मुख्यमंत्री ने राज्य को लूटा है। अब गर्दन फंसी है तो इसके लिए मुख्यमंत्री ही जिम्मेदार हैं। कहां क्या हो रहा है इस बारे में राज्यपाल या चुनाव आयोग से ही जानकारी मिल सकती है। भाजपा को कोई जल्दीबाजी नहीं है। बाबूलाल ने कहा कि पूरे प्रकरण से दूर भाजपा के लोग पार्टी के काम में जुटे हैं। अस्थिरता के लिए हेमंत सोरेन जिम्मेदार हैं। सरकर कभी गंभीर दिखी ही नहीं।
फिलहाल वेट एंड वॉच
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भाजपा वेट एंड वॉच की स्थिति में है। राज्यपाल व चुनाव आयोग से आगे क्या कार्रवाई होती है उसी के अनुरूप भाजपा रणनीति बनाएगी। झारखंड सरकार को अस्थिर करने की कोई मंशा भाजपा की नहीं है। सीएम बयान दे रहे हैं कि भाजपा के 16 विधायक उनके संपर्क में हैं। यह बकवास है। कांग्रेस विधायकों को डराने के लिए सीएम ऐसी बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पहले सीता सोरेन और लोबिन हेंब्रम की नाराजगी दूर करें जिन्होंने उनकी कार्यशैली पर पहले ही सवाल उठाया है।
रांची टू मधुबन सूचनाएं आती रहीं, नेताओं की हुई बैठक
प्रशिक्षण शिविर को लेकर भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता मधुबन में हैं लेकिन इन्हें रांची के घटनाक्रमों की सूचनाएं पल-पल मिलती रहीं। वरिष्ठ नेताओं की देर शाम गोपनीय बैठक भी हुई। पूरे कार्यक्रम से मीडिया को अलग रखा गया है। बावजूद इसके पार्टी सूत्रों ने कहा कि कोर कमेटी के नेता आपस में बैठे थे। सूचना यहां तक है कि झारखंड की गतिविधयों से दिल्ली को भी अवगत कराया गया है। प्रशिक्षण शिविर के सत्र के दौरान भी वरिष्ठ नेताओं के फोन बजे और बात भी की। रांची की हर महत्वपूर्ण घटनाक्रमों को लेकर भाजपा नेताओं को अवगत कराया जा रहा था। यूपीए विधायकों को झारखंड से बाहर ले जाने की भी मधुबन में भाजपाइयों के बीच खासी चर्चा हुई।