CNT और SPT अधिनियम के कारण लोगों को नहीं मिल पा रहा है बैंक ऋण: हेमंत सोरेन

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Update: 2022-08-15 10:43 GMT
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को कहा कि छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) के कारण अनेक जरुरतमंदों को बैंकों से ऋण नहीं मिल पा रहा है जिसका शीघ्र समाधान निकालना होगा। अखिल भारतीय केन्द्रीय बैंक कर्मचारी कल्याण सोसाइटी के जमशेदपुर में आयोजित दूसरे स्थापना दिवस एवं वार्षिक बैठक को ऑनलाइन संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ''हमें जनजातियों की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है और उनकी नयी पीढ़ी को शिक्षा की ओर अग्रसर करना है ताकि उन्हें सक्षम बनाया जा सके लेकिन मुश्किल यह है कि इन नियमों ने जरुरतमंदों के लिए बैंकों से ऋण लेना दूभर बता दिया है।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोसायटी बैंक में चल रही योजनाओं से आदिवासी, जनजाति, पिछड़े वर्ग के लोगों को लाभान्वित करने का हर संभव प्रयास करे। उन्होंने कहा, ''सीएनटी और एसपीटी अधिनियम के कारण कई जरुरतमंद आदिवासियों को बैंक से ऋण उपलब्ध नहीं हो पाता है, इस समस्या के समाधान हेतु सरकार कार्य कर रही है लेकिन बैंकों का भी इस कार्य में सहयोग अपेक्षित है। सरकार एवं बैंकिंग के लोगों के संयुक्त प्रयास से जनकल्याणकरी योजनाओं को वृहत रूप दिया जा रहा है।'' उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बैंको के विलय एवं निजीकरण के कारण नौकरियों की संख्या घटती जा रही है, ऐसे में हमें स्वरोजगार की ओर विशेष ध्यान देना होगा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चीफ मिनिस्टर इंप्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम (सीएमइजीपी) के माध्यम से सरकार शोषित और वंचित समाज के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है।
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