राँची न्यूज़: शहर में बिना समन्वय के चल रहे भूमिगत केबुलिंग के काम का खामियाजा तीन लाख की आबादी ने भुगता. कांके रोड में स्पीकर आवास के सामने दो मुख्य सप्लाई पाइपलाइन में बड़ा सुराख होने से गोंदा जलशोधन केंद्र बंद रहा. इससे क्षतिग्रस्त पाइपलाइन से जुड़े इलाके में नल पर निर्भर लोगों को पानी नहीं मिल सका. वे दिनभर परेशान रहे.
कांके रोड, हातमा, रांची कॉलेज क्षेत्र, रातू रोड न्यू मार्केट, मेकी रोड, पहाड़ी मंदिर के समीप के दर्जनों मुहल्लों और मधुकम क्षेत्र में बड़ी आबादी को घरों में पानी की जरूरत पूरी करने के लिए भागदौड़ करनी पड़ी. जलापूर्ति नहीं होने से लोगों ने निगम के एचवाइडीटी, बोरिंग एवं चापानल से किसी तरह काम चलाया, पर नगर निगम के टैंकर इलाकों में नहीं पहुंचे. पीने के पानी के लिए लोगों ने बाजार से जार में एवं बोतलबंद पानी खरीदा. देर शाम तक पाइप की मरम्मत नहीं हो पायी थी. आशंका है कि भी तीन लाख लोगों को नल से जल नहीं मिलेगा.
गोंदा जलापूर्ति डिवीजन के ईई अजय कुमार सिंह ने बताया कि जहां पाइप को नुकसान हुआ है, वहां यूटिलिटी स्पेस नहीं है. जेसीबी मशीन लगाने के बाद भी क्षतिग्रस्त पाइप को काटकर निकालने का जुगाड़ नहीं बैठ पा रहा था. पाइप के बगल में कंक्रीट से तैयार नाला की दीवार है. वहीं पाइप के नीचे 33 केवी का भूमिगत केबुल गुजरा है. ऐसे में वहां मरम्मत में व्यवधान आ रहा है. आशंका जाहिर की जा रही है कि अगर इलेक्ट्रिक केबुल को नुकसान पहुंचा तो कांके रोड में वीआइपी इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है.
दो पाइप क्षतिग्रस्त हो गए हैं. गोंदा जलशोधन केंद्र बंद. कांके डैम फिल्टर प्लांट से पानी की आपूर्ति नहीं.
सबसे ज्यादा परेशानी कहां
वार्ड एक, दो, 20, 28, 29, 30 और 33 में.
कौन-कौन इलाके-मुहल्ले के लोग परेशान
कांके रोड में हातमा, मिशन गली, एमईएस, शिवपुरी, न्यू पुलिस लाइन, एदलहातू के निचले इलाके, टिकली टोली, न्यू चौड़ी बस्ती, भिह्वा, चंदवे की बस्तियां. रांची कॉलेज क्षेत्र, रातू रोड का न्यू मार्केट, मेकी रोड, गोपालगंज, प्यादा टोली मार्ग के मुहल्ले, कब्रिस्तान के पीछे के इलाके, पहाड़ी मंदिर के आसपास, जयप्रकाशनगर, मधुकम के निचले इलाके आदि.
लोगों में आक्रोश के 3 बड़े कारण
1. नगर निगम बेपरवाह लोगों का कहना है कि जल आपूर्ति बंद होने की जानकारी होते ही नगर निगम को सतर्क होना चाहिए था, पर बेपरवाह बना रहा.
2. बार-बार फट रहा पाइप लोगों की शिकायत है कि बिना समन्वय के काम से बार-बार पाइप क्षतिग्रस्त हो रहा है. भुगतना आम आदमी को पड़ रहा है.
3. समन्वय की कमी काम करने वालीं एजेंसियों को बैठक कर सुनिश्चित करना चाहिए कि पाइप लाइन या केबुल कहां है. ऐसा नहीं होता.