झारखंड में मानदेय वृद्धि के आश्वासन पर सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन खत्म, उच्चस्तरीय समिति भी की गठित

पिछले 37 दिनों से आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन मंगलवार को खत्म हो गया.

Update: 2021-11-04 02:01 GMT

(रांची) : पिछले 37 दिनों से आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन मंगलवार को खत्म हो गया. सीएम हाउस घेराव कार्यक्रम से पहले ही पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने आंदोलन वापस ली है.

जानकारी के अनुसार, सहायक पुलिसकर्मियों के धरने का मंगलवार को 37वां दिन था. इस बीच सीएम हाउस घेराव का कार्यक्रम था. इसकी जानकारी मिलते ही प्रतिनिधिमंडल को वार्ता करने के लिए समाहरणालय बुलाया गया. अधिकारियों में अपर सचिव ए डोडे, आईजी अखिलेश झा, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, सिटी एसपी सौरभ और ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने वार्ता की.सहायक पुलिसकर्मियों की ये थीं मांगें
मौके पर मानदेय बढ़ाने, सेवा बहाल रखने और पुलिसकर्मियों की नौकरी में उम्र सीमा की छूट सहित 8 अन्य मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिला. इसमें सीधी स्थायी नियुक्ति को छोड़ कर मानदेय बढ़ाने, 2022 तक सेवा बहाल रखने सहित अन्य मांगों पर चर्चा की गयी.जानकारी के अनुसार, सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की गयी. समिति द्वारा दो माह में मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. साथ ही सहायक पुलिसकर्मियों के 5 साल पूरे होने के बाद भी आगे सहायक पुलिस में उनके स्थायीकरण पर भी विचार किया जायेगा. लेकिन, सारा निर्णय गठित समिति द्वारा लिया जायेगा. इस समिति में आईजी के साथ गृह अपर सचिव और वित्त विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे. अगस्त 2017 को सहायक पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया गया था.
मालूम हो कि पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, गिरिडीह, लोहरदगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, लोहरदगा, दुमका सहित 12 अति प्रभावित जिलों के 2200 सहायक पुलिसकर्मी गत 27 सितंबर, 2021 से अपनी मांगों को लेकर रांची के मोरहाबादी मैदान में आंदोलनरत थे.
मोरहाबादी मैदान में बैरिकेडिंग, पुलिसकर्मी हुए थे तैनात
इधर, सहायक पुलिसकर्मियों की ओर से सीएम आवास घेराव की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. मंगलवार सुबह 10 बजे से सीएम आवास घेरने का समय तय किया था, जिसे देखते हुए वहां वाटर केनन और आंसू गैस के साथ जिला पुलिस के 1000 जवान व 500 आईआरबी के महिला व पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गयी थी.
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