झारखंड में मेयर के गैर-दलीय इलेक्शन से राजनीतिक दलों में मचेगा घमासान, जल्द होंगे नगर निकाय चुनाव

कैबिनेट की बैठक में झारखंड सरकार ने नगर निकाय चुनाव जल्द कराने का निर्णय लिया है।

Update: 2022-06-23 04:14 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कैबिनेट की बैठक में झारखंड सरकार ने नगर निकाय चुनाव जल्द कराने का निर्णय लिया है। साथ ही निकाय चुनाव को गैर-दलीय आधार पर कराने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। सरकार के निर्णय का असर नगर निगम चुनाव में राजनीतिक दलों के अंदर घमासान के रूप में सामने आएगा। धनबाद में एक ही दल के कई दावेदार मेयर चुनाव के लिए ताल ठोक रहे हैं। 2015 में हुए नगर निकाय चुनाव में निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने बाजी मारी थी।

पिछला चुनाव भी गैर-दलीय हुआ था, लेकिन भाजपा ने झरिया के राजकुमार अग्रवाल को अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया था। इसके बावजूद भाजपा के ही चंद्रशेखर अग्रवाल, भृगुनाथ भगत ने पार्टी गाइडलाइन से अलग हटकर चुनाव लड़ा था। चंद्रशेखर अग्रवाल ने उसमें जीत दर्ज कर पार्टी के निर्णय को गलत साबित कर दिया था। इस बार राजनीतिक दलों के अंदर ऐसा ही घमासान फिर से मचने वाला है।
भाजपा में आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार
धनबाद भाजपा में ही आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार अभी से ताल ठोक रहे हैं। निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल का दावा स्वाभाविक है। वहीं दूसरी ओर बाघमारा विधायक की पत्नी सावित्री देवी का भी दावा समय-समय पर सामने आ रहा है। वार्ड नंबर-27 के पार्षद सह भाजपा नेता अंकेश राज तो एक साल से जगह-जगह घूमकर अपना प्रचार कर रहे हैं। पिछला चुनाव लड़ चुके राजकुमार अग्रवाल और भाजपा नेता भृगुनाथ भगत भी मैदान में उतर सकते हैं। पार्टी को किसी एक नाम पर सहमति बनाने में मशक्कत करनी पड़ेगी।
कांग्रेस और झामुमो में भी मेयर पद के कई दावेदार
धनबाद कांग्रेस में भी मेयर पद के कई दावेदार हैं। ऐसे में दल के अंदर एकता बनाने में पार्टी नेताओं की हालत खराब होगी। पिछले चुनाव में कांग्रेस नेता शमशेर आलम दूसरे नंबर पर थे, इस बार भी उनका दावा सबसे मजबूत है। वहीं कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र वर्मा इस बार भी दावा ठोक सकते हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा में विधायक मथुरा महतो के बेटे दिनेश महतो, पूर्व नगर अध्यक्ष देबू महतो भी दावेदारी कर रहे हैं। आजसू की ओर से जिलाध्यक्ष मंटू महतो और झरिया के नेता अवधेश यादव भी मैदान में उतर सकते हैं। ऐसे में हर पार्टी में सिर-फुटव्वल वाली स्थिति है।
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