गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों को डराया जा रहा : कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय
खनन पट्टा मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी जाने की आशंकाओं के बीच राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने शनिवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को आतंकित कर देश में अघोषित ‘आपातकाल' की स्थिति बनायी जा रही है जो देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खनन पट्टा मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी जाने की आशंकाओं के बीच राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने शनिवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को आतंकित कर देश में अघोषित 'आपातकाल' की स्थिति बनायी जा रही है जो देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।
कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने शनिवार को वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर गठबंधन दलों की समीक्षा बैठक के लिए यहां पहुंचे । पांडेय ने आरोप लगाया, ''जिन राज्यों में गैर भाजपा सरकारें हैं वहां अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है। गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को आतंकित कर देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनायी जा रही है जो देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।'' पांडेय ने झारखंड की वर्तमान परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा, ''राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि आधारित है। यहां सूखे की स्थिति है और किसान मायूस हैं। उन्हें इस स्थिति से निकालने के लिए सरकार प्रयासरत है लेकिन पिछले काफी समय से यहां राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है।''
उन्होंने कहा, ''झारखंड में सरकार को तोड़ने की कोशिश की जा रही है लेकिन पूरा गठबंधन एकजुट है और राज्य के सत्ताधारी गठबंधन को कोई खतरा नहीं है।'' झारखंड में गठबंधन सरकार के भविष्य के बारे में कांग्रेस नेता ने कहा, ''राजभवन अथवा निर्वाचन आयोग से अभी तक कोई निर्देश हमारे पास नहीं आया है। जब कोई निर्देश आयेगा, जब कोई नयी बात सामने आयेगी तो हम मिलकर निर्णय करेंगे। अब तक की राजनीतिक स्थिति की समीक्षा करने के लिए बैठक कर रहे हैं।'' उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की सरकार को लेकर मीडिया के माध्यम से रोज अफवाह फैलायी जा रही है, लेकिन राज्य की सरकार को कोई खतरा नहीं है और राज्य की गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में विधायकी गंवाने की आशंका और इस संबंध में राज्यपाल रमेश बैस के फैसले की प्रतीक्षा के बीच मुख्यमंत्री सोरेन अपने पूरे मंत्रिमंडल और सत्ताधारी गठबंधन के 45 विधायकों के साथ रांची से 38 किलोमीटर दूर खूंटी जिले में स्थित 'लतरातू' पिकनिक स्पॉट पहुंचे। लगभग चार घंटे तक पिकनिक का आनंद उठाकर सभी शाम आठ बजे रांची वापस आ गये। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर महागठबंधन के सभी विधायकों की बैठक बुलायी गयी। सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि राज्य में गठबंधन के 45 विधायक मुख्यमंत्री सोरेन के नेतृत्व में रांची से 38 किलोमीटर दूर खूंटी में 'लतरातू' घूमकर शाम लगभग आठ बजे रांची वापस आ गये।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास पर सत्ताधारी महागठबंधन के सभी विधायकों की बैठक बुलायी गयी है। इससे पहले, भट्टाचार्य ने तंज कसते हुए कहा, ''हमारे सभी विधायकों को जाना था रामगढ़ जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल 'पतरातू' लेकिन जानबूझकर हम उन्हें उल्टी दिशा में खूंटी जिले में 'लतरातू' घुमाने ले गये क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा उसी की भाषा समझती है।'' उन्होंने बताया कि अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों एवं सभी विधायकों को तीन बसों में लेकर मुख्यमंत्री सोरेन दोपहर लगभग दो बजे निकले थे और खूंटी जिले के पर्यटन स्थल पर तीन घंटे घूमने के बाद सभी शाम आठ बजे वापस रांची आ गये। यह पूछे जाने पर कि महागठबंधन के 49 विधायकों में से 45 ही क्यों लतरातू घूमने गये, भट्टाचार्य ने कहा, ''तीन विधायक तो कोलकाता में पचास लाख रुपये नकदी के साथ पकड़े जाने के बाद कांग्रेस से निलंबित हैं और अदालत की रोक पर वहीं ठहरने को मजबूर हैं और एक विधायक ममता देवी मातृत्व अवकाश पर हैं।''