रिम्स में नया घोटाला आया सामने

रिम्स में सस्ती की बजाए महंगी दर पर दूसरी कंपनी से सर्जिकल आयटम की करोड़ों की खरीदारी की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि अब नया घपला सामने आया है।

Update: 2022-08-23 04:40 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  रिम्स में सस्ती की बजाए महंगी दर पर दूसरी कंपनी से सर्जिकल आयटम की करोड़ों की खरीदारी की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि अब नया घपला सामने आया है। नए टेंडर में स्वीकृत दर की बजाए लगभग 17 गुना ज्यादा कीमत पर पुराने टेंडर से रीएजेंट (जांच मशीन में लगने वाला रसायन) खरीदे जा रहे हैं। मामला रिम्स के लैब मेडिसिन विभाग का है। विभाग में बायोकेमिस्ट्री जांच को रीएजेंट की खरीद के लिए वर्ष 2021 में टेंडर हुआ।

लेकिन, इस टेंडर में कम कीमत पर आपूर्ति के लिए एल-1 हुई कंपनियों से रीएजेंट न खरीदकर वर्ष 2019-20 में एल-1 हुई कंपनियों से ही रीएजेंट खरीदे जा रहे हैं। जबकि, 2020 में एल-1 हुई कंपनियों की दर 10 से 17 गुना तक ज्यादा है। 448 रुपए का कॉलेस्ट्रोल जांच का रीएजेंट 7500 रुपए में खरीदा जा रहा है। एक ही कंपनी का रीएजेंट पुराने टेंडर पर कई ज्यादा कीमत पर खरीदने से सरकार को लाखों का नुकसान हो चुका है। मामला संज्ञान में आने के बाद रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने जांच के आदेश दिए हैं।
जांच के लिए बनायी तीन सदस्यीय समिति
खरीदारी में हेराफेरी की जांच के लिए निदेशक ने तीन सदस्यीय कमेटी बनायी है। कमेटी में पैथोलॉजी के एचओडी डॉ एके श्रीवास्तव अध्यक्ष, बायोकेमेस्ट्री के एचओडी डॉ बेलारोज एक्का एवं सीआईपी के बायोकेमेस्ट्री के एचओडी डॉ केके क्षीतिज सदस्य बनाए गए हैं। निदेशक ने कहा है कि संज्ञान में आया है कि लैब मेडिसिन विभाग में 2021 की निविदा में एल-1 कंपनी से रीएजेंट खरीद की जगह वर्ष 2020 की एल-1 कंपनी से रीएजेंट खरीदा जा रहा है। समिति को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह लैब मेडिसिन से प्राप्त आपत्ति पत्र की जांच करेगी कि विभाग का दावा कितना सही है? यदि निविदा प्रपत्र तैयार करने में कोई भूल हुई है तो इसके लिए संबंधित अधिकारी कर्मचारी से स्पष्टीकरण लेकर मंतव्य देंगे।
ऐसे समझें खरीदारी में गड़बड़ी का गणित
2021 के टेंडर में मेधावी कंपनी कॉलेस्ट्रोल जांच का रीएजेंट 448 रुपए में आपूर्ति के लिए एल-1 हुई। जबकि, 2021 में ही कॉस्मिक कंपनी कोलेस्ट्रोल जांच का रीएजेंट 750 रुपए में आपूर्ति के लिए एल-2 हुई थी। लेकिन लैब मेडिसिन विभाग 2021 के टेंडर की बजाए 2020 की निविदा में एल-1 हुई कंपनी कॉस्मिक से 7500 रुपए में खरीद रहा है। कॉस्मिक कंपनी जो 2021 में कॉलेस्ट्रोल का रेट 750 रुपए कोट की है, 2020 में 7500 रुपए कोट की थी। विभाग 2021 की निविदा में एल-1 दर 448 रुपए या एल-2 दर 750 रुपए की बजाए 2020 की निविदा के आधार पर 7500 रुपए में खरीद रहा है। इसी प्रकार एचडीएल कॉलेस्ट्रोल के रीएजेंट की दर 2021 में 476 रुपए कोट कर मेधावी कंपनी एल-1 हुई, जबकि लैब मेडिसिन विभाग एचडीएल कॉलेस्ट्रोल का रीएजेंट 2020 की निविदा के आधार पर 4200 रुपए में खरीद रहा है। ऐसे कई रीएजेंट में गड़बड़ी की जा रही है। सबसे बड़ी बात है कि विभाग जिस मशीन के लिए रीएजेंट खरीद रहा है वह ओपन मशीन है। यानी उस मशीन में किसी भी कंपनी का रीएजेंट उपयोग किया जा सकता है। लेकिन विभाग द्वारा रीएजेंट के लिए नई निविदा में आपत्ति दर्ज कराकर पुरानी दर पर कई गुना ज्यादा कीमत में खरीद कर रहा है।
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