धनबाद कुर्मी एसटी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे मुर्मू

सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे मुर्मू

Update: 2023-09-28 06:28 GMT
झारखण्ड आदिवासी सेंगेल अभियान ने कहा है कि अगर कुर्मी सहित कोई दूसरी जाति आरक्षण हासिल करने के लिए आदिवासी बनना चाहती है, तो वह सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेगा. यह घोषणा सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने संवाददाता सम्मेलन में की.
उन्होंने इस बात का भी विरोध किया है कि वे अपने दावों को लेकर राज्य के मुख्य सचिव और ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक से मिलने वाले हैं. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव और निदेशक को सेंगेल ने प्रधानमंत्री के नाम 28.10.2022 और राष्ट्रपति को 21.7.2023 भेजे गए पत्र को भेजा है, जिसमें
कुर्मी महतो के आदिवासी होने का कोई प्रमाण होने का उल्लेख नहीं है. यदि उनके पास कोई तथ्य और प्रमाण है तो उन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. चक्का जाम कर देश और जनता को भ्रमित और परेशान नहीं करना चाहिए. सेंगेल इसका विरोध करता है. मुर्मू ने कहा कि अगर कोई दबाव बनाकर आदिवासी बनना चाहेगा तो यह आदिवासियों को प्रदत्त मौलिक अधिकार पर सीधा हमला है. आदिवासियों के नरसंहार जैसा षड्यंत्र है. सेंगेल ने राष्ट्रपति से मांग की है कि अगले 30 वर्षों तक कोई भी समृद्ध और बड़ी जाति को आदिवासी या एसटी का दर्जा देने का दरवाजा बंद रखा जाए.
उन्होंने इस मामले में झामुमो, टीएमसी और बीजद जैसे राजनीतिक दलों और कुछ आदिवासी संगठनों और उनके कुछ नेताओं पर कुर्मी को भड़काने और आदिवासी हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान आदिवासी अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी की रक्षा संघर्ष को कृतसंकल्पित है. वह फर्ज़ी आदिवासी राजनीतिक नेता, सामाजिक संगठनों और माझी परगाना, मानकी मुंडा आदि को बेनकाब करता रहेगा.
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