मंत्री, सांसद और विधायक सिर्फ वोट डालने के लिए जा सकेंगे केंद्र, शिकायतों के लिए चुनाव आयोग ने बनाया कंट्रोल रूम, जारी किया ई-मेल आईडी, टेलीफोन नंबर
राज्य निर्वाचन आयोग ने झारखंड में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए हर संभव निर्देश जारी कर दिए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य निर्वाचन आयोग ने झारखंड में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए हर संभव निर्देश जारी कर दिए हैं।राज्य निर्वाचन आयोग ने झारखंड में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए हर संभव निर्देश जारी कर दिए हैं।राज्य निर्वाचन आयोग ने झारखंड में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए हर संभव निर्देश जारी कर दिए हैं।राज्य निर्वाचन आयोग ने झारखंड में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए हर संभव निर्देश जारी कर दिए हैं।चुनाव को किसी तरह कोई प्रभावित न कर पाये, यह सुनिश्चित करने के लिए आयोग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करनेवाले और इसका अनुपालन करानेवाले सबको सावधान कर दिया गया है।
चुनाव आयोग ने सभी जिला पदाधिकारियों सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को भेजे गये दिशा-निर्देश में कहा है कि निर्वाचन के दौरान राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों द्वारा मतदान तिथि को मतदान केंद्र पर जाकर मतदाताओं तथा मतदान कर्मियों को उम्मीदवार विशेष के पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव डाले जाने की शिकायतें प्राय: मिलती है।
कतिपय मंत्रियों द्वारा सरकारी वाहनों तथा उनके साथ प्रतिनियुक्त सुरक्षा बलों का दुरुपयोग करते हुए मतदाताओं और मतदानकर्मियों को प्रभावित करने की शिकायत भी मिलती है। ऐसी घटनाओं से चुनाव की निष्पक्षता और स्वतंत्रता संदेह के घेरे में आ जाती है तथा मतदान प्रक्रिया दूषित होने की प्रबल संभावना बनती है। इस परिप्रेक्ष्य में आयोग की ओर से दिशा-निर्देश जारी किया जाता है, जिसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करना जिला प्रशासन का दायित्व है।
शिकायतों के लिए चुनाव आयोग ने खोला कंट्रोल रूम, जारी किया ई-मेल आईडी, टेलीफोन नंबर
पंचायत चुनाव के लिए निर्वाचन कार्यक्रम की अधिसूचना जारी होते ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता पूरे राज्य के संबंधित क्षेत्रीय और प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में लागू है। इस आचार संहिता का उल्लंघन करने और धनबल का दुरुपयोग करने के संदर्भ सूचना देने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय कंट्रोल रूम खोला है। आयोग ने कंट्रोल रूम में पदस्थापित अधिकारियों और फोन नंबर के साथ उनके संबंधित जिलों का विवरण भी जारी कर कर दिया है। कंट्रोल रूम राज्य निर्वाचन आयोग में स्थापित किया गया है। चार अधिकारियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेवारी सौंपी गयी है।
क्या हैं दिशा-निर्देश
1. मतदान की तिथि की पूर्व संध्या पांच बजे से मतदान की समाप्ति तक कोई भी मंत्री, विधायक, पार्षद, सांसद को उन क्षेत्रों में, जहां मतदान कराया जा रहा है, दौरे में जाने नहीं दिया जायेगा। परंतु कोई मंत्री या विधायक, पार्षद, सांसद का नाम किसी पंचायत की मतदाता सूची में दर्ज है और वे इस निर्वाचन में अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहते हों तो उन्हें सिर्फ अपना वोट डालने के लिए संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के लिए स्थापित मतदान केंद्र में जाने की अनुमति दी जायेगी।
2. मतदान केंद्र पर जाने तथा मतदान केंद्र से वापस आने के लिए वे सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं करेंगे। परंतु मंत्री, विधायक, पार्षद और सांसद की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से प्रतिनियुक्त सशस्त्र बल सरकारी वाहन का इस्तेमाल कर सकेंगे। प्रतिनियुक्त अंगरक्षक, सशस्त्रत्त् बल के मतदान केंद्र परिसर में प्रवेश नहीं करेंगे, बल्कि मतदान केंद्र परिसर से बाहर मंत्री, विधायक, पार्षद और सांसद की वापसी की प्रतीक्षा करेंगे।
3. ये पाबंदियां मतदान की तिथि के अतिरिक्त मतगणना अवधि में भी लागू रहेंगी। परंतु यदि किसी प्राकृतिक आपदा तथा सांप्रदायिक दंगा-हंगामा के दौरान मंत्री तथा विधायक या सांसद को प्रशासन की मदद करने के लिए तथा क्षेत्र में अमन-चैन बनाए रखने के लिए संबंधित क्षेत्र में दौरा पर जाना पड़े, तो इस परिस्थिति में ये पाबंदियां लागू नहीं होंगी।
- गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा और हजारीबाग के लिए- कुमकुम प्रसाद- उप निर्वाचन आयुक्त सह संयुक्त सचिव- 06512280287
- लोहरदगा, रामगढ़, खूंटी, रांची और जामताड़ा के लिए- सुषमा बड़ाईक, अवर सचिव 8987791131
- कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका के लिए- प्रेमतोष चौबे विशेष कार्य पदाधिकारी 8340187102
- धनबाद, बोकारो, सिमडेगा, गुमला, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम के लिए- देवेंद्र कुमार सिंह व्याख्याता 9955532729