मिड डे मील घोटाले के आरोपी ने खरीदी 53 गाड़ियां, ED ने दायर किया आरोप पत्र

मिड डे मील फंड के 101 करोड़ रुपये गबन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने आरोपी बिल्डर भानु कंस्ट्रक्शन ( Bhanu Construction Ranchi ) के संजय कुमार तिवारी व उसके पार्टनर सुरेश कुमार के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.

Update: 2022-01-21 08:10 GMT

रांची : मिड डे मील फंड के 101 करोड़ रुपये गबन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने आरोपी बिल्डर भानु कंस्ट्रक्शन ( Bhanu Construction Ranchi ) के संजय कुमार तिवारी व उसके पार्टनर सुरेश कुमार के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. संजय तिवारी फिलहाल जेल में है. उसे एक दिसंबर 2021 को इडी ने गिरफ्तार किया था. अभियुक्तों पर बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रच कर मिड डे मील का 101.01 करोड़ रुपये अपनी कंपनी के खाते में ट्रांसफर कराने और मनी लाउंड्रिंग के सहारे संपत्ति खरीदने और कर्ज चुकाने में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है.

आरोप पत्र में कहा गया है कि अभियुक्तों ने मिड डे मील का पैसा अपनी कंपनी के खाते में ट्रांसफर कराने के बाद उससे 53 गाड़ियां खरीदी. छापामारी के दौरान हुंडई वरना, महेंद्रा टीयूवी-300, टोयोटा क्रिस्टा और मारुति सियाज जब्त की गयी. अभियुक्तों ने मिड डे मील के पैसों से कंपनी द्वारा लिये गये कर्ज को भी चुकाना शुरू कर दिया था. साथ ही 56 बैंक खातों के माध्यम से मनी लाउंड्रिंग को अंजाम दिया गया. इन सभी बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दी गयी है. खाते में पड़ी 3.31 करोड़ रुपये की राशि जब्त कर ली गयी है.
जांच में पाया गया कि राज्य सरकार ने मिड डे मील का 120.31 करोड़ रुपये एसबीआइ के हटिया शाखा स्थित मध्याह्न भोजन प्राधिकार के खाते में जमा किया. सरकार ने बैंक को यह निर्देश दिया कि इस राशि को विभिन्न जिलों के मध्याह्न भोजन के खाते में जमा करा दे. सरकार के इस निर्देश के आलोक में 120.31 करोड़ में से 101.01 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों के खाते में और शेष राशि स्टेट बैंक स्थित खाते में ट्रांसफर करना था.
बैंक ने पांच अगस्त 2017 को इसमें से 20.29 करोड़ रुपये एसबीआइ स्थित मध्याह्न भोजन के दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया. हालांकि 101.01 करोड़ रुपये की बल्क पोस्टिंग तकनीकी कारणों से संबंधित बैंकों में जमा होने के बदले स्टेट बैंक के हटिया स्थित शाखा के सस्पेंस अकाउंट में जमा हो गया. इसके बाद बैंक अधिकारियों ने मिल कर 101.01 करोड़ रुपये भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में ट्रांसफर कर दिये. इस मामले में बैंक के तत्कालीन डिप्टी मैनेजर अजय उरांव को भी अभियुक्त बनाया गया है. इस घोटाले को लेकर सीबीआइ रांची ने भी प्राथमिकी दर्ज की है. सीबीआइ जांच के दौरान पाया गया कि 76.29 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है.


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