चारा घोटाले में लालू यादव की सजा बढ़ेगी या होगी कम? झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई

झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ में लालू प्रसाद के चारा घोटाला मामले में सजा बढ़ाए जाने के मामले में सुनवाई हुई।

Update: 2022-06-28 02:55 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ में लालू प्रसाद के चारा घोटाला मामले में सजा बढ़ाए जाने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से अदालत से समय दिए जाने की मांग की गई। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

सीबीआइ की ओर से देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद सहित अन्य की सजा बढ़ाए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से कहा गया कि इस मामले में उन्हें पक्ष रखने के लिए समय दिया जाए। इस दौरान आरके राणा की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कोर्ट को बताया कि उनका निधन हो गया है। इस पर अदालत ने उनका नाम याचिका से हटाने के लिए कोर्ट में आवेदन देने का निर्देश दिया। आइएएस फूलचंद के अधिवक्ता ने भी उनके निधन की जानकारी कोर्ट को दी।
बता दें कि देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद को छह जनवरी 2018 को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी पाकर साढ़े तीन साल की कैद के साथ पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा को सात साल की कैद के साथ 20 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसी आधार पर सीबीआइ की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव षड्यंत्रकारी थे। लेकिन अदालत ने उन्हें कम सजा दी है। इसलिए इनकी सजा बढ़ाकर कम से कम सात साल की जानी चाहिए।
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