श्रम विभाग ने उदयपुर ईंट भट्ठे में बंधक बने छत्तीसगढ़ के 27 मजदूरों को कराया मुक्त, 2 महीने पहले महिला ठेकेदार लेकर पहुंची थीं

डीसी के आदेश पर श्रम विभाग ने पूर्वी सिंहभूम के उदयपुर के ईंट भट्ठे से छत्तीसगढ़ के 27 महिला-पुरुष मजदूरों को मुक्त कराया है। ये

Update: 2021-12-09 06:31 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डीसी के आदेश पर श्रम विभाग ने पूर्वी सिंहभूम के उदयपुर के ईंट भट्ठे से छत्तीसगढ़ के 27 महिला-पुरुष मजदूरों को मुक्त कराया है। ये सभी मजदूर गम्हरिया थाना क्षेत्र के सुदूर गांव उदयपुर में मुन्ना सिंह नामक व्यक्ति के ईंट भट्ठा एसएएस ब्रिक्स में बंधक के तौर पर थे। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने गम्हरिया पुलिस के सहयोग से देर शाम छापामारी कर सभी मजदूरों को मुक्त कराया। इन सभी मजदूरों को 2 माह पूर्व यहां लाया गया था। ईंट भट्ठे में कार्य नहीं होने के बाद भी उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा था।

सेंट्रल शिकायत कोषांग से लगायी गुहार
मजदूरों ने बताया कि उन्हें ईंट भट्ठा परिसर में कोई सुविधा नहीं मिल रही थी। महिला एवं पुरुष मजदूरों को मेडिकल ट्रीटमेंट से लेकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। भट्ठा मालिक को कहने के बाद भी उन्हें बाहर जाने नहीं दिया जा रहा था। बताया कि इसमें एक मजदूर प्रमोद कुमार बंदे ने इंटरनेट से सेंट्रल शिकायत कोषांग को टोल फ्री नंबर डायल कर मामले की जानकारी दी। यह नंबर गुजरात का था। गुजरात से दिल्ली एवं रांची होते हुए यह मामला डीसी तक पहुंच गया। डीसी ने एसडीओ को त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी मजदूरों को अविलंब मुक्त कराने का निर्देश दिया।
पुलिस संरक्षण में देर शाम सभी को लाया गया थाने
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने देर शाम सभी मजदूरों को मुक्त कराते हुए पुलिस संरक्षण में थाना लाया। वहां मजदूरों से पूछताछ कर सभी का बयान कलमबंद किया गया। मजदूरों में 13 महिलाएं एवं 14 पुरुष शामिल हैं। इनमें बच्चे भी शामिल है। मजदूरों ने ईंट भट्ठा मालिक पर बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया। खाने-पीने की समस्या बतायी।
महिला ठेकेदार के साथ भट्ठे में पहुंचे थे मजदूर
मजदूरों ने बताया कि सभी छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ थाना क्षेत्र के भैसों समेत आसपास के गांवों के रहनेवाले हैं। पामगढ़ थाना क्षेत्र के ही कृष्णाबाई नाम की महिला ठेकेदार ने करीब 2 माह पूर्व 27 मजदूरों को यहां पहुंचाया था। उसके बाद वह दोबारा फिर यहां नहीं आई। इसमें प्रमोद कुमार बंदे, अजय दिनकर, शिवा कूटटे, संजय दिनकर, दिनेश सोनी, निलेश कुमार सोनी, मुकेश सोनी, निकिता सोनी, मनीष कुमार, हरिओम प्रजापति, उत्तम कुटटे, अरुण लहरी समेत काफी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद थे।


प्रवासी मजदूर अधिनियम का उल्लंघन
इस संदर्भ में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि ईट भट्टा मालिक ने प्रवासी मजदूर अधिनियम का उल्लंघन किया है। उन्हें मजदूरों को अपने भट्ठे में रखने से पहले सभी का पंजीयन कराना अनिवार्य था। बताया कि सभी मजदूरों से बयान लेने के बाद ठेकेदार कृष्णा बाई एवं ईंट भट्ठा मालिक पर कार्रवाई की जाएगी। बताया कि मजदूरों से बयान के बाद सभी को उनके निवास स्थान छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी की जाएगी।

गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने कहा, 'उदयपुर के ईंट भट्ठे से महिला पुरुष कुल 27 प्रवासी मजदूरों को मुक्त कराया गया है। ये सभी मजदूर छत्तीसगढ़ के हैं। इस मामले में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी की लिखित शिकायत के आलोक में कार्रवाई की जाएगी। मजदूरों को उनके गृह क्षेत्र भेजने की तैयारी की जा रही है।'


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