कुरमी समाज ने मांगों को लेकर रेल रोको आंदोलन का आगाज किया, झारखंड, बंगाल और उड़ीसा मार्ग की कई ट्रेनें बाधित
कुरमी समाज ने अपनी मांगों को लेकर रेल रोको आंदोलन का आगाज किया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुरमी समाज ने अपनी मांगों को लेकर रेल रोको आंदोलन का आगाज किया है. जिसको लेकर आज सुबह सैकड़ों की संख्या में लोग रेलवे पटरी पर उतरे. कुरमी समाज के लोग झारखंड, बंगाल और उड़ीसा के स्टेशनों का घेराव दिया. मंगलवार को झारखंड के नीमडीह स्टेशन, बंगाल के पुरूलिया, झारग्राम, बाकुड़ा और उड़ीसा के मयूरभंज में ट्रेन को बाधित करने का प्रयास किया गया. जिसके बाद रेलवे पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए लोगों को पटरी से हटाया और रेलवे का परिचालन सुचारू किया गया.
कुरमी को एसटी में शामिल करने की मांग कर रहे
झारखंड कुरमी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदारऔर प्रवक्ता ओम प्रकाश महतो ने बताया कि यह कार्यक्रम अनिश्चिकालीन चलता रहेगा. जब तक की सरकार कुरमी को एसटी में शामिल करने की घोषणा नहीं करती है. बता दें कि झारखंड, उड़ीसा और बंगाल में कुरमी समाज के लोग एसटी में शामिल करने की मांग कर रहे है. यह मांग वर्षों से की जा रही है. शीतल ओहदार ने बताया कि एक साजिश के तहत कुरमी समाज को एसटी में शामिल नहीं किया जा रहा है. अगर सरकार इसपर जल्द निर्णय नहीं लेती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है.
1955 तक कुरमी समाज एसटी सूची में शामिल था
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 1955 तक कुरमी समाज एसटी सूची में शामिल था, मगर एक साजिश के तहत कुरमी को इस सूची से बाहर कर दिया गया. वृहद झारखंड के कुरमी-कुड़मी की रहन-सहन, पूजा-पाठ, शादी-विवाह, पर्व त्योहार सभी आदिवासियों से मिलती जुलती है. इसके बावजूद कुरमी जाति को एसटी सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है. आने वाले दिनों में यह आंदोलन और जोर पकड़ेगा.