किरीबुरू : स्वास्थ्य केंद्र में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को बंद कराया, ठेकेदार दे रहा धमकी
मनोहरपुर प्रखंड के गंगदा पंचायत अन्तर्गत सारंडा के रोवाम गांव में बन रहे स्वास्थ्य केंद्र में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को बंद करा दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मनोहरपुर प्रखंड के गंगदा पंचायत अन्तर्गत सारंडा के रोवाम गांव में बन रहे स्वास्थ्य केंद्र में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को बंद करा दिया है. वहीं, इस कार्य में लगे मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जा रही है. इससे मजदूरों में आकोश व्याप्त है. मजदूरों को सरकार द्वारा तय 326.85 रूपये की जगह मात्र 180 रूपये प्रतिदिन ठेकेदार द्वारा दिया जा रहा है. निर्माण कार्य में इस्तेमाल किये जाने वाले ईट, छड़, सिमेंट आदि सामानों की भी गुणवत्ता ठीक नहीं है. लगातार न्यूज़ की टीम ने जब कार्यस्थल का निरिक्षण किया तो वहां योजना, प्राक्लित राशि आदि जानकारी से जुड़ी किसी प्रकार का कोई बोर्ड नहीं लगा था.
अस्पताल दूर रहने से ग्रामीणों को होती है परेशानी
सारंडा का अत्यन्त सुदूरवर्ती गांव रोवाम गांव में चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं होने के कारण ग्रामीण यहां चिकित्सा केंद्र के निर्माण की मांग काफी दिनों से करते आ रहे है. रोवाम से निकटवर्ती सरकारी अस्पतालों में मनोहरपुर की दूरी 35 किलोमीटर, सेल अस्पताल गुवा की दूरी 20 किलोमीटर है. समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण कई ग्रामीणों व गर्भवती महिलाओं की पूर्व में मौत हो चुकी है. ऐसी स्थिति के बाद जब गांव में अस्पताल भवन का निर्माण हो रहा है तो ग्रामीणों में भारी हर्ष व्याप्त था. सभी ग्रामीण सरकार व प्रशासन के इस कदम की स्वागत व सराहना करते नजर आ रहे थे. लेकिन अब इस कार्य की गुणवता पर सवाल खड़ा कर ग्रामीण खुद इसका खुलकर विरोध कर कर रहे है. ग्रामीणों ने इसकी जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
पिहले माह से कार्य में लगे मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी
अस्पताल भवन का निर्माण कार्य में लगे मजदूरों का कहना है कि वे 26 अगस्त से निर्माण कार्य में लगे है. लेकिन उन्हें अभी तक एक पैसा भी नहीं मिला है. मजदूर गुरुवारी पूर्ति, राम सिद्धू, मीना सिद्धू, मुगली सिद्धू, सुरु पूर्ति, मुंदई सिद्धू, मानी पूर्ति, कानुराम सिद्धू, सोनाराम सिद्धू, मोरम पूर्ति, रोयवारी पूर्ति, बुधनी सिद्धू ने बताया कि सरकार ने लगभग 327 रूपया न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की है, लेकिन ठेकेदार 180 रूपये से अधिक मजदूरी नहीं देने की बात कह रहा है. इसके अलावे भवन में जो ईट इस्तेमाल हो रहा है वह पकड़ने से टूट कर धूल बन जा रहा है.
ठेकेदार लोगों को दे रहा विधायक का खास होने की धमकी
इस भवन का निर्माण कराने वाले ठेकेदार मनोहरपुर निवासी दीपक यादव से जब ग्रामीणों ने घटिया निर्माण व न्यूनतम मजदूरी के बाबत सवाल किया, तो दीपक यादव ने खुद को स्थानीय विधायक का खास बताकर चुप रहने को कहा. जब ग्रामीण स्वयं विधायक को फोन लगाने लगे तो ठेकेदार भाग खड़ा हुआ. ठेकेदार से जब फोन पर सम्पर्क साधा गया तो उसने बताया कि यह भवन जराईकेला क्षेत्र के मकरंडा गांव में बनना था लेकिन स्थान परिवर्तन कर रोवाम में बनाया जा रहा है. यह योजना वर्ष 2017-18 की है लेकिन उनके साथ स्वास्थ्य विभाग का एग्रिमेंट 2020 में हुआ था. इस भवन की प्राक्कलन राशी 23 लाख रूपये है. जबकि जानकारों का कहना है कि इसकी प्राक्कलन राशी काफी अधिक है. ठेकेदार ने न्यूनतम मजदूरी पर कहा कि जो दुसरे ठेकेदार देते है उतना ही वह भी देंगे. जानकारी यह भी मिली है कि इस भवन निर्माण कार्य की अवधी भी पूरी हो चुकी है लेकिन निर्माणकार्य अब भी अधूरा है.