JMM ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का दिया हवाला, कहा- माइनिंग लीज अपने नाम कराने के मामले में नहीं छीनी जा सकती CM हेमंत सोरेन की सदस्यता

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने खनन मंत्री रहते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अपने नाम से खनन पट्टा लेने के मामले में आज दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के अनेक फैसलों के आधार पर लाभ के पद के दायरे में नहीं आता है.

Update: 2022-04-30 02:39 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने खनन मंत्री रहते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अपने नाम से खनन पट्टा (माइनिंग लीज) लेने के मामले में आज दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के अनेक फैसलों के आधार पर लाभ के पद के दायरे में नहीं आता है. लिहाजा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की विधायकी नहीं छीनी जा सकती है और इस सबके बावजूद अगर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता हुई तो इसके बारे में महागठबंधन के नेता मिलकर फैसला करेंगे. झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय पर पार्टी विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के साथ यह दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अनेक फैसले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पक्ष में हैं. जिनके मद्देनजर खनन पट्टा अपने नाम करवाने के बावजूद हेमंत सोरेन की विधायकी नहीं छीनी जा सकती.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस सिलसिले में 1964 के सुप्रीम न्यायालय की संविधान पीठ के एक फैसले का उल्लेख किया, जिसमें उनके अनुसार सीवीके राव बनाम देन्तू भास्कर राव मामले में अदालत ने स्पष्ट किया है कि खनन पट्टे का आवंटन मात्र किसी वस्तु की आपूर्ति के ठेके के समान नहीं है. सुप्रियो ने कहा कि जब तक किसी खनन पट्टे से खनिज पदार्थ का खनन कर किसी ठेके के तहत उसकी बिक्री न की जाए यह मामला लाभ के पद के दायरे में नहीं आता है.
पूर्व न्यायाधीश से भी ली गई है सलाह
जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली की भी राय ली गयी है और उनका कहना है कि यह लाभ के पद का मामला नहीं बनता है. खनन पट्टा मामले को बेवजह तूल देने का बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिस दिन से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लोकप्रिय सरकार बनी है, उसी दिन से बीजेपी राज्य सरकार को अस्थिर करने में लगी है.
भ्रम पैदा करने की कोशिश
सोनू ने कहा कि विगत दिनों जो भ्रम की स्थिति पैदा हुई और जो अफवाहें फैलाई गई वह सरासर गलत है. क्योंकि ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट कानूनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में भी सुप्रीम न्यायालय ने फिर एक मामले में कहा कि खनन पट्टा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट में नहीं आता है. सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि चुनाव आयोग से भी उनके नेता हेमंत सोरेन ने कोई तथ्य नहीं छुपाया और उन्होंने चुनाव के समय अपने हलफनामे में बताया था कि उनके पास खनन पट्टा है जिसका नवीनीकरण होना है.
बाबूलाल मरांडी पर भी किया हमला
जेएमएम के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने दावा किया कि इस मामले में कोई निर्णय करने से पूर्व निर्वाचन आयोग को हमारा पक्ष भी सुनना चाहिए. जेएमएम नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाने वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में मेनहर्ट, टॉफी घोटाला सहित कई कारनामे किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बाबूलाल मरांडी भी स्वयंभू जज बने हुए हैं. मरांडी के मुंह से 2006 तक नैतिकता की बात अच्छी लगती थी पर अब भाजपा विरोधी वोट से जीतकर भाजपा में जा मिले उनके मुंह से ये बातें शोभा नहीं देतीं.
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