झारखंड महिलाए अब रात 7 बजे के बाद भी कर सकेंगी काम

राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में अब न्यूनतम पांच महिला कामगारों की टोली भी रात सात बजे से दस बजे तक काम कर सकेंगी

Update: 2022-02-25 16:51 GMT

राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में अब न्यूनतम पांच महिला कामगारों की टोली भी रात सात बजे से दस बजे तक काम कर सकेंगी। सुबह पांच बजे से छह बजे तक काम करने के लिए भी इतनी महिला कामगारों का होना जरूरी है। राज्य सरकार ने राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में महिला कामगारों के काम करने की शर्तों में संशोधन करते हुए यह प्रविधान किया है। पहले इन दोनों अवधि में महिला कामगारों के काम करने के लिए न्यूनतम दस महिलाओं की टोली अनिवार्य थी। अब इसे घटाकर पांच कर दिया गया है। काम के दौरान महिलाओं की सुरक्षा तथा उनके हितों की रक्षा के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा अब एक महिला वार्डेंन की नियुक्ति की जाएगी। पूर्व में दो महिला वार्डेन की नियुक्ति अनिवार्य की गई थी, जिसमें संशोधन करते हुए एक महिला वार्डेन अनिवार्य किया गया है। अब यह भी प्रविधान भी किया गया है कि महिलाओं के काम करने की उक्त अवधि में सुपरवाइजर, शिफ्ट इंचार्ज या फोरमैन में महिलाओं की संख्या कुल कर्मियों की पांचवीं हिस्सा या दो (जो अधिक हो) अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

राज्य सरकार ने कारखाना अधिनियम के प्रविधानों के तहत औद्योगिक प्रतिष्ठानों में महिला कामगारों के काम करने की शर्तों का निर्धारण फरवरी 2017 में किया है। इसके तहत रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक महिला कामगारों के काम करने पर रोक लगाई गई है। इसमें यह भी प्रविधान किया गया है कि किसी महिला कामगार से किसी कार्य दिवस को नौ घंटे से अधिक तथा सप्ताह में 48 घंटे से काम की अपेक्षा नहीं की जाएगी। रात सात बजे से दस बजे तक तथा सुबह पांच बजे से सुबह छह बजे तक कुछ शर्तों के साथ काम की छूट दी गई है।


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