झारखण्ड : एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रहा

Update: 2023-08-16 08:57 GMT
एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा अब इन दिनों झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है. एक हफ्ते के अंदर तीन जवानों के शहादत के बाद अब झारखंड पुलिस आर-पार की लड़ाई में उतर चुकी है. पिछले कई महीनों से कोल्हान के जंगलों में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए IED के चपेट में कई जवान आ रहे हैं, लेकिन अब तक झारखंड पुलिस कोल्हान को नक्सल मुक्त करने में असफल रही है. झारखंड पुलिस बूढ़ा पहाड़ और पारसनाथ में सफलता के बाद अब कोल्हान के जंगलों से नक्सलियों को खदेड़ने में लगी है, लेकिन मिसिर बेसरा के दस्ते द्वारा अपने बचाव के लिए लगाए गए IED बम उसके लिए सुरक्षा कवच साबित हो रहे हैं.
कोल्हान के जंगलों में नक्सलियों का सफाया
जंगलों में ऑपरेशन के दौरान लगातार कई IED ब्लास्ट हो रहे हैं, जिसमें जवान घायल हो रहे हैं, लेकिन तीन जवानों की शहादत के बाद अब झारखंड पुलिस पूरी तरह से नक्सलियों को कोल्हान के जंगलों से सफाया के लिए उतर चुकी है. झारखंड पुलिस ने कहा कि नक्सली अपनी अंतिम असिस्तव की लड़ाई लड़ रहे हैं और ये उनकी अंतिम लड़ाई है. आईजी अभियान अमोल विनुकांत होमकार ने कहा कि नक्सली अपने आप को ग्रामीणों की हितैसी बता रहे हैं वो पूर्ण रूप से एक्सपोज हो चुके हैं. अपने आप को बचाने के लिए बिछाई IED के चपेट में ग्रामीण और हमारे जवान आ रहें है. हमारे जवान अपनी जान की परवाह न करते हुए नक्सलियों को मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं.
 चाईबासा में दो जवान शहीद
वहीं, चाईबासा में नक्सली मुठभेड़ की घटना की जानकारी देते हुए डीजीपी ने बताया था कि नक्सली वहां पर अब अपने अस्तित्व की आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं. इसलिए वो वहां हर तरह की तरकीब का इस्तेमाल कर रहे हैं. कल की घटना को छोड़ दें तो हमें काफी सफलता मिली है. चाईबासा के हुए एनकाउंटर में हमारे दो बहादुर साथी शहीद हुए हैं और वीर गति को प्राप्त हुए हैं. दोनों झारखंड जगुआर के थे.
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