झारखंड न्यूज: डॉ अतुल ने कहा- संस्कृति मूल्य के बिना शैक्षणिक ज्ञान अधूरा...
Ranchi: आजादी का अमृत महोत्सव पखवाड़ा के तहत बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. कृषि एवं संबद्ध विषयों में करियर की संभावनाएं विषयक व्याख्यान के मुख्य वक्ता आईसीएआर-आईएआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अतुल कुमार थे. डॉ कुमार ने कहा कि संस्कृति मूल्य के बिना शैक्षणिक ज्ञान अधूरा है. हमारी संस्कृति हमें संस्कार सिखाती है. हमारे संस्कार में ही जीवन का मूल्य है. जीवन में करियर सदैव क्रियाशील, निश्चित क्षेत्र का चुनाव और उस दिशा में निरंतर कठिन संघर्ष एवं प्रयासों की जरूरत है.
डॉ कुमार ने कहा कि करियर बनाने में टारगेट सबसे जरूरी है. वर्तमान आधुनिक युग में विद्यार्थियों में समय की पाबंदी, कड़ी मेहनत, त्याग, दृढ़ संकल्प, सोशल मीडिया का कम से कम उपयोग एवं बुरे विचारों से बचाव की विशिष्टता होनी चाहिए. आधुनिक परिवेश में कृषि एवं संबद्ध विषयों में करियर बनाने में ईमानदार, विद्वान, व्यवस्थित, प्रतिभाशाली, अद्वितीय, समर्पित, विनम्र, ऊर्जावान, उत्साही, तटस्थ एवं चतुर आदि गुणों से युक्त होना होगा. डॉ कुमार ने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां यूजी, पीजी एवं पीएचडी पाठ्यक्रम में फेलोशिप की सुविधा है. इस क्षेत्र में शिक्षित युवक-युवतिया तकनीकी पदाधिकारी के तौर पर एएफओ, आरडीओ, नाबार्ड, एनएससी, एसएससी, एनपीपीक्यूआर, बैंकिंग, एपिडा, एबीएम, नार्म, नीयाम आदि संस्थानों में करियर बना सकते है. विद्यार्थियों के समक्ष बीपीएससी, जेपीएससी, यूपीएससी, आईएफएस, स्टेट सिविल सर्विस, स्टेट फारेस्ट सर्विस ऑफिसर में भी अवसर मौजूद है.
कृषि एवं संबद्ध विषयों में करियर की अपार संभावना
मौके पर कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि कृषि एवं संबद्ध विषयों में करियर की अपार संभावना है. देश में आजीविका का यह क्षेत्र सबसे बड़ा साधन है. कृषि में उद्यमिता के भी अवसर मौजूद है. मौके पर डीएसडब्लू डॉ डीके शाही ने भी अपने विचार रखे. डॉ बीके झा ने धन्यवाद किया. एनएसएस द्वारा आयोजित इस व्याख्यान में डॉ एन कुदादा, डॉ पीके सिंह, डॉ पीबी साहा, डॉ रिसम, डॉ पी महापात्र, डॉ विनय कुमार सहित बड़ी सख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया.
Source: newswing.com