Jharkhand : झारखंड का कैदी वार्ड कैदियों के फरारी के लिए मशहूर होता जा रहा, कई सजायाफ्ता खूंखार हो चुके हैं फरार

Update: 2024-08-13 06:29 GMT

रांची Ranchi : कैदियों के फरार होने के लिए झारखंड देश में सबसे ज्यादा मशहूर और महफूज होता जा रहा है. आसानी से कैदी झारखंड के जेलों से या तो झूठी बीमारी का बहाना बनाकर इलाज के बहाने या गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल लाए जाते हैं और उसके बाद फरार हो जाते हैं. मामला इस बार हजारीबाग के जेपी केन्द्रीय कारागार का है. हत्या और पॉक्सो के मामले में उम्रकैद का सजायाफ्ता साहिद अंसारी फरार हो गया है. हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में उसे इलाज के लिए लाया गया था जहां सुरक्षा में लगे हवलदार चौहान हेम्ब्रम की हत्या कर साहिद असानी से फरार हो गया. हत्या के बाद पूरे राज्य में सनसनी है क्योंकि साहिद पर कई गंभीर मामले दर्ज हैं.

स्लाइन चढ़ाने वाले पाइप से सुरक्षा में स्थिर युवक की हत्या कर दी और हत्या कर दी गई सईद ने स्लाइन चढ़ाने वाले पाइप से सुरक्षा में स्थिर युवक की हत्या कर दी और हत्या कर दी गई। इसमें शामिल हैं कई आरोपियों में शाहिद के खिलाफ गंभीर धाराओं के मामले दर्ज हैं। हवलदार चौहान हेम्ब्रम की हत्या के बाद साहिद ने पूछताछ में उसकी जेब से चाभी निकाली हथकड़ी खोली और आराम से उसका गला घोंट दिया।
राज्य के कई अछूते कैदी वार्ड की सुरक्षा भगवान की मान्यता?
राज्य के कैदियों से होने वाले कैदियों के मामले का खुलासा होने के बाद अब राज्य के सभी नामचीन कैदियों के वार्ड की सुरक्षा को लेकर सवाल पूछे गए हैं। राजधानी रांची में स्थित रिम्स और सदर जैसे बड़े असप्तालों की सुरक्षा का भी भगवान भरोसे टैब पर अन्य असप्तालों की सुरक्षा का आकलन किया जा सकता है। शेख बंकर मेडिकल कॉलेज से कैदी बच्चा होने के मामले में कई नए सवाल हो गए हैं।
युवक की हत्या कर कैसे हुआ कैदी?
एसबीएमसी अस्पताल की सुरक्षा में अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी पर प्रश्न?
रिम्स से भी बच्चा हो चुका है आरोपी रिम्स अस्पताल से ड्रामा तरीके से आरोपी अनिल शर्मा को भी सजा हो चुकी है। 09 अप्रैल को हाजीपुर जेल में बंद अनिल को अंतिम सप्ताह में कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। यहां बिजनेसमैन की हड्डियों में दर्द की शिकायत के बाद 10 मई को उन्हें रिम्स में भर्ती किया गया। जब वह बॅरा गया तो उस समय उसकी सुरक्षा में सभी छह कर्मचारी और अन्य कमर में सो रहे थे। पुलिस की जांच में बात सामने आई कि स्कार्पियो से तीन लोगों ने उसे बुलाया है। उसके बॅजी केस में बरियातू स्टेट में बिल्डर दर्ज किया गया, जिसमें अनिल शर्मा के अलावा कारू सिंह, सुनील सिंह, कन्हाई सिंह का भी नाम शामिल है। सुरक्षा में 6 कर्मचारियों को बंद कर दिया गया और उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई। बाद में अनिल शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।
8 जून 2024 को साहिबगंज कैदी वार्ड से 2 कैदी कैदी को जेल में बंद किया गया। सदर अस्पताल में इलाजरत दो कैदी पुलिस को चकमा देकर बेच दिए गए। दोनों को राजमहल मंडल उपकारा से इलाज के लिए सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में लाया गया था। बच्चू होने वालों में नगर थाना क्षेत्र के पुराने साहिबगंज के लक्ष्मण मंडल नी लछुआ और राधानगर थाना क्षेत्र के चंद्रकांत साह साहा शामिल हैं। लक्ष्मण मंडल पर हत्या की कोशिश का आरोप है, जबकि चंद्रकांत साहा पर अपनी पत्नी को गोली मारने का आरोप है।
22 अप्रैल 2024 रिम्स के सर्जरी वार्ड से एक कैदी हथकड़ी को बाहर निकाला गया। कैदी की पहचान श्याम किशोर चौधरी (32) के रूप में हुई है, जो पलामू के हरिहरगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि उन्हें 13 अप्रैल को डाल्टनगंज सदर अस्पताल से रिम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। कैदी ने कील डिक्रिप्शन लिया था।
24 मार्च 2024 को राजधानी रांची के रिम्स हॉस्पिटल की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हुए इलाज के लिए कैदी को बंधक बना लिया गया। बबील कैदी का असली मालिक राजा सिंह नायडु है। जानकारी के अनुसार कैदी राजा सिंह को बेहतर इलाज के लिए क्रोम के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां रविवार के दिन उसकी सगाई हो गयी.
01 मार्च 2023 को झारखंड की राजधानी रांची में स्थित सबसे बड़े सरकारी अस्पताल से एक कैदी हो गया। दरअसर, उनके दर्शन में लगाए गए युवा नींद फर्मा रहे थे। इसी का फ़ायदेमंद कैदी अस्पताल से रफू चक्कर हो गया। जवान की नींद खुल गई तो कैदी अपने बिस्तर से गायब हो गया। जिसके बाद अस्पताल सहित सब्स्क्राइब महकमा में उथल-पुथल मचा दी गई। कैदी 21 दिन तक इलाज के क्रम में रेकी करता रहा जब उसने रिम्स में इलाज के नाम पर भर्ती की थी। कैदी सूरज मुंडा रिम्स के मेडिसिन असिस्टेंट में भर्ती थी। सुबह 5 बजे युवा बालचरन की नींद खुली तो देखा कि कैदी बिस्तर पर नहीं है। काफी बाद में पता चला कि कैदी का भाग चुका दिया गया है। यह अचंभित मंडल सदर डी.एस.सी. प्रभात रचना मिश्का पर उद्यम और ड्यूटी पर लगाए गए तीन युवाओं से पूछताछ की।
दिसंबर 3 2023 रिम्स में इलाजरत कैदी का बच्चा हो गया। कैदी चेन स्नैचर साकिब नाइक देबा है। बता दें कि हाल ही में रिम्स में एक कैदी का इलाज चल रहा था। अरगोड़ा पुलिस ने एक कैदी को अरगोड़ा चौक के पास से गिरफ्तार किया था। अपराधी के इस दौरान एक पैर टूट गया था, जिसके बाद उसका इलाज रिम्स में चल रहा था। पुलिस को चकमा देकर उसके दोस्त ने उसे भगा दिया। देबा का पैर पकड़ने के कारण वो चल नहीं सका, लेकिन अंदेशा का आरोप है कि उसे भागने में किसी ने मदद नहीं की है।
16 अक्टूबर 2022 

16 अक्टूबर 2022 को गुमला जेल से उग्रवादी अमित उराँव को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया था..वहीं दूसरा कैदी अपराधी लाया गया था उसका नाम मशरूर आलम खान है। पुलिस ने उसे आवंटन के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। दोनों का रैम्स रैम्स अस्पताल में इलाज चल रहा था जहां दोनों को कैदी वार्ड में इलाज चल रहा था। पुलिस से मिली गुप्तचरियों के अनुसार रिम्स के कैदी वार्ड में रिक्रूटमेंट रिजर्वेशन रिजर्व ने स्टॉकिस्ट की ग्रिल तोड़ी और बस्तियां हो गईं।

5 फरवरी 2021 बच्चों से इलाज के लिए रिम्स लाया गया मॅकॅम का मॅक्टर सिद्धेश्वर रामैया नाम का कैदी बच्चा हो गया। 4 फरवरी को अचानक पेट दर्द की समस्या के बाद उन्हें रिम्स के मेडिकल स्टूडेंट में शामिल किया गया था। यहां डॉ. सीबी शर्मा की टिप्पणी में उनका इलाज चल रहा था। उसे मेडिकल स्टूडेंट के बेड नंबर 3611 पर रखा गया था।

2022- 2023 के दौरान केवल रिम्स से 14 कैदी डाकू हो गए हैं। सिर्फ एक महीने के अंदर ही दो कैदी रिम्स से फिल्मों में सफल रहे। यहां जेल में बंद 22 लोगों को जेल में बंद कर दिया गया। 31 अक्टूबर 2023 को चोरी का आरोप में गिरफ्तार सूरज मुंडा रिम्स से डकैती हो गई थी, 13 सितंबर को कैदी वसीर भी हथकड़ी सहित कई सफल रहा। इसी तरह अप्रैल 2023 में दो कैदी किशोर कहीं चले गए और 20 सितंबर को भी एक कैदी कैदी हो गए।


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