झारखंड : बिल्डर की बुरी नजर से बचाएगा झारेरा

Update: 2023-08-29 17:04 GMT
झारखंड: झारखंड के बिल्डर अब आपकी सहमति के बिना स्वीकृत नक्शे में बदलाव नहीं कर सकेंगे, क्योंकि झारेरा खरीदारों के हितों को लेकर अब और सख्त नियम बनाने जा रहा है। दरअसल, झारेरा का कहना है कि स्वीकृत नक्शे में बदलाव के लिए बिल्डर को कम-से-कम एक तिहाई आवंटियों की सहमति लेनी अनिवार्य है। लेकिन अभी इस नियम का पालन नहीं के बराबर किया जा रहा है। दूसरी ओर बिल्डर नक्शे में विचलन के बाद नगर निगम या संबंधित निकाय से आसानी से नए नक्शे की स्वीकृत करा लेते हैं। यही वजह है कि झारेरा अब रांची नगर निगम सहित सभी नगर निकायों, जिला परिषदों को इस संबंध में पत्र भेजेगा कि हर हाल में खरीदारों के हितों की रक्षा करें।
झारेरा सदस्य विरेंद्र भूषण का कहना है कि स्वीकृत नक्शे में बदलाव के लिए किसी भी बिल्डर को एक तिहाई आवंटियों की अनुमति लेनी है। लेकिन कई मामलों में पाया जाता है कि बिना आवंटियों की अनुमति के नक्शे में बदलाव कर इसे निगम से स्वीकृत करा लेते हैं। नियम के अनुसार बिल्डर ने जो सेंक्शन और डिस्पोज्ड नक्शा ब्रोशर में दिखाया है, उसमें किसी भी परिवर्तन से पूर्व आवंटी से इजाजत लेनी होती है।
झारेरा के अनुसार रांची समेत कई शहरों में ऐसे कई मामले सामने देखने को मिले हैं जिसमें बिल्डर ने जी प्लस टू के लिए नक्शा पास करवाया। लेकिन बाद में इसमें बदलाव करते हुए जी प्लस-3 का निर्माण कर लिया। और फिर नए सिरे से नक्शे की स्वीकृति ले ली। ऐसे मामले रांची के अलावा धनबाद, जमशेदपुर, देवघर जैसे बड़े शहरों में अधिक सामने आते हैं।
भवन या फ्लैट खरीदते समय तीन बातों का रखें ख्याल
- यह सुनिश्चित कर लें कि आप प्रोजेक्ट में जो फ्लैट खरीद रहे हैं, वह झारेरा से निबंधित हो
- बिल्डर या डेवलेपर अनुज्ञा पत्र की कॉपी मांगकर खुद इसे देखें, क्या जमीन पर इसमें बदलाव तो नहीं
- बिल्डर से स्वीकृत योजना की प्रति मांगें और देखें कि निर्माण इसके हिसाब से हुआ है या नहीं
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