आर्थिक संकट से जूझ रहे 'एचईसी' पर झारखंड रक्षा मंत्रालय और इसरो का बढ़ रहा भरोसा, कंपनी को दिया गया यह काम

आर्थिक संकट से जूझ रहे एचईसी, रांची पर रक्षा मंत्रालय, इसरो व दूसरे रणनीतिक सेक्टर का भरोसा बढ़ रहा है। हाल ही में इसरो के लिए कई उपकरण बनाने के बाद अब एचईसी तोप का बैरल बनाने वाली मशीन तैयार करेगा।

Update: 2022-03-22 04:30 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आर्थिक संकट से जूझ रहे एचईसी, रांची पर रक्षा मंत्रालय, इसरो व दूसरे रणनीतिक सेक्टर का भरोसा बढ़ रहा है। हाल ही में इसरो के लिए कई उपकरण बनाने के बाद अब एचईसी तोप का बैरल बनाने वाली मशीन तैयार करेगा। देश के रक्षा उपकरणों का निर्माण करने वाली कंपनी एमएसएफ इच्छापुर से एचईसी को इसका कार्यादेश मिला है। इसे एचईसी मात्र साढ़े छह करोड़ में बनाएगा।

एचईसी के अधिकारियों के अनुसार यह मशीन कंप्यूटराइज्ड होगी। इसका निर्माण मेक इन इंडिया की तर्ज पर होगा। रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसी मशीनें अभी विदेशों से मंगाई जाती थी।
आयुध फैक्ट्री कानपुर को भी मशीन की आपूर्ति
एचईसी ने आयुध फैक्ट्री कानपुर के लिए भी ऐसी मशीन की आपूर्ति चार साल पहले की है। बोफोर्स तोप के बैरल के लिए मशीन बनाकर आपूर्ति की गयी थी। यह मशीन काफी सफल रही है। इसके बाद दोबारा इच्छापुर से कार्यादेश मिला है।
एचईसी का रक्षा क्षेत्र में अबतक का योगदान
● आईएनएस राणा के लिए गियर सिस्टम का निर्माण
● युद्धपोत के लिए आरमर प्लेट का निर्माण
● आधुनिक रडार का किया गया निर्माण
● परमाणु पनडुब्बी के महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण
● इंडियन माउंटेन गन एमके 2 की असेंबलिंग
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