झारखंड में रविवार को ईस्टर धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। ईसा मसीह के पुनरूत्थान के उपलक्ष्य में विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना की गई। ईसाई समुदाय के लोग भी अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए कब्रिस्तान गए।
रांची में, बाहुबाजार में सेंट पॉल कैथेड्रल, मेन रोड पर 178 वर्षीय गॉस्नर इवेंजेलिकल लूथरन चर्च और पुरुलिया रोड में सेंट मैरी कैथेड्रल में ईस्टर मास आयोजित किया गया। सेंट पॉल कैथेड्रल के फादर डेविड ने कहा, "ईसा मृत्यु पर यीशु की जीत और अनन्त जीवन के उनके वादे का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। यह दर्शाता है कि मृत्यु जीवन का अंत नहीं है।" उन्होंने कहा कि दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए प्यार और खुशी का संदेश फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस अवसर पर बधाई दी।
उन्होंने कहा, ''सभी प्रदेशवासियों को ईस्टर की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। यह पर्व संपूर्ण मानव समाज को प्रेम, दया, करूणा और सामाजिक समरसता का संदेश देता है।'' मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रेम, दया, क्षमा, मानवता और करुणा का पर्व सभी के लिए स्वस्थ जीवन, सुख, शांति और समृद्धि लाए.
धनबाद में, रेलवे स्टेशन के पास शताब्दी पुराने सेंट एंथोनी चर्च में ईस्टर मनाया गया।
चर्च के फादर ज्ञान प्रकाश टोपनो ने कहा कि लोगों में भाईचारा और विश्व शांति के लिए विशेष प्रार्थना की गई। यह त्योहार पूर्वी सिंहभूम जिले में भी मनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग बेल्डीह चर्च, सेंट मैरी चर्च और गोलमुरी चर्च में विशेष प्रार्थना में शामिल हुए। खूंटी, सिमडेगा और गुमला में भी ईस्टर मनाया गया।