Jharkhand : पेपर लीक के घोटालेबाजों के लेन-देन और उनकी संपत्ति कहीं ईडी की न करा दे इंट्री, सीबीआई ने जांच का दायरा बढ़ाया

Update: 2024-07-03 04:23 GMT

हजारीबाग Hazaribagh : पेपर लीक Paper Leak के घोटालेबाजों के लेन-देन और उनकी संपत्ति कहीं ईडी की न करा दे इंट्री, क्यों जिस तरह पकड़े गए 13 आरोपियों के खाते, खातों में लेनदेन और चल अचल संपत्ति की खोज खबर ली जा रही है, उसमें विदेश ट्रिप, हवाई यात्रा और काफी कुछ निकलकर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा रिमांड पर लिए गए आरोपियों से पूछताछ भी जारी है.

इनमें हजारीबाग से गिरफ्तार ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक, सेंटर सुपरिटेंडेंड सह स्कूल वाइस प्रिंसपल इम्तियाज आलम और पत्रकार जमालु‌द्दीन को पहले अलग-अलग और उसके बाद एक साथ बिठाकर पूछताछ की गई. वही, चिंटू, मुकेश और अन्य आरोपियों के साथ भी यहीं प्रक्रिया अपनायी गयी और सीबीआई का यही प्रयास उसके लिये बड़ा ट्रम्प कार्ड साबित हुआ. क्योंकि आरोपियों के बयानों में कई विरोधाभास भी सामने आ गाए, जिससे शक और गहरा गया.
अब सीबीआई CBI की टीम बेऊर जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ कर और राज उगलवाने की तैयारी में है. सीबीआई भी मान रही है कि अभी तक सबसे बड़ी गिरफ्तारी हजारीबाग के स्कूल प्रिंसिपल एहसान उल हक की है और इस वजह से सीबीआई ने एहसानुल हक और उनसे जुड़े दो आरोपियों के बैंक डिटेल्स उसने खंगाले हैं. वहां आरोपियों के कॉल डिटेल्स भी खंगाले गए हैं.
गौरतलब है कि पटना नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई को जानकारियां मिली थी. 5 मई को जब नीट पेपर लीक का खुलासा पटना में हुआ, तो पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर छापेमारी करते हुए अधजले कागजात बरामद किए गए थे. उन कागजातों में प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी, जिनमें 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू पाए गए.
बताते चलें कि पेपर लीक कांड की शुरुआत बिहार के पटना से शुरू होते हुए झारखंड के हजारीबाग से गहरे रूप से जुड़ते हुए यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात के गोधरा तक जा पहुंची. ऐसे में सीबीआई एक्शन में है और लगातार विभिन्न राज्यों में अलग अलग टीम पहुंचकर पड़ताल से लेकर पूछताछ में जुटी है. एक बार फिर हजारीबाग में टीम के कुछ अधिकारी गुपचुप रूप से पड़ताल में जुटे हैं और टारगेटेट के बाबत वे कई तथ्य जमा कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि यहां इसके बाद उनकी रडार पर आनेवाले लोगों को समन देकर बुलाने की उनकी तैयारी है, जिसे लेकर जुड़े लोग दहशत में हैं कि पता नहीं अब किसकी बारी है.


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