झारखंड: बीजेपी का मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम, शुरू हो गई सियासत

Update: 2023-09-11 05:06 GMT
2024 की लड़ाई में दिल्ली की सत्ता पर वापसी के लिए बीजेपी को झारखंड में लोकसभा की सभी 14 सीटों पर कब्जा चाहिए. पर डुमरी में एनडीए को इंडिया से मिली शिकस्त के बाद बीजेपी नई रणनीति के तहत मिट्टी की सियासत से खोई हुई ताकत हासिल करने में जुट गई है. झारखंड बीजेपी के नेता सूबे के हर घर से मिट्टी संग्रह के होमवर्क में पुरजोर तरीके से जुट गए हैं. बीजेपी के नेताओं को भरोसा है कि ये कार्यक्रम, पार्टी को नई ताकत, नया जोश और ऊर्जा देगा. जिसकी बदौलत भविष्य की सियासत को आसानी से साधा जा सकता है.
मिट्टी संग्रहित करने से मिलेगी ताकत ?
एक तरफ डुमरी विधानसभा उपचुनाव में इंडिया एलायंस ने बीजेपी के पैरों तले की मिट्टी खींच ली है,आजसू को जीत का स्वाद चखने से रोक दिया तो वहीं दूसरी तरफ
झारखंड बीजेपी के नेता मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के जरिए मिशन 24 का ताना बाना बुनने में जुट गए हैं. इस कार्यक्रम के जरिए मिट्टी को नमन एवं वीरों को वंदन अभियान को सफल बनाने में जुट गए हैं. बीजेपी के नेता पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर हर घर से मिट्टी इकट्ठा कर रहे हैं. एकत्रित की गई मिट्टी से दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के जरिए देश के हर घर से एक चुटकी मिट्टी, चावल या 5 तुलसी के पत्ते लेना है और इसे संग्रहित कर दिल्ली भेजा जाएगा. देशवासी के सहयोग से भव्य अमृत वन का निर्माण होगा. पूरे झारखंड में हर घर से मिट्टी संग्रह का कार्यक्रम 15 सितम्बर तक चलेगा.
 बीजेपी 2024 में विपक्ष को देगी मात ?
वहीं, मिट्टी संग्रह करने को लेकर झारखंड में सियासत शुरू हो गई है. जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने निशाना साधते हुए कहा, बीजेपी के लोग एक्टिंग करते रहते हैं, एक्टिंग में माहिर हैं. ये मिट्टी उनको क्या ताकत देगी, हमारे कार्यकर्ता तो जमीन पर काम करते हैं. हमारी सरकार और हम जमीन पर काम करके दिखाते हैं. उनको एक्टिंग ही करना है तो फिल्म सिटी चले जाएं. जेएमएम सांसद विजय हांसदा ने भी बीजेपी के हर घर मिट्टी अभियान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनके कार्यक्रम को अगर देखें तो कभी लोहा इकट्ठा करना, कभी अटल जी की अस्थियों को पूरे देश में बिखेरना, फिर मिट्टी इक्ट्ठा करना भावनात्मक मुद्दों से जुड़े उनके जो भी कार्यक्रम बनते हैं अच्छी बात हैं, लेकिन भावनाओं के साथ जोड़कर जो कार्यक्रम किया जाता है उसके पीछे का उद्देश्य भी अच्छा होना चाहिए.
बीजेपी को लगता है कि इस तरह के कार्यक्रम के जरिए हर घर तक पार्टी की विचारधारा के साथ पहुंच बनाया जा सकता है. पर, असल सवाल ये कि मिट्टी वाली सियासत बीजेपी के लिए कितनी फायदेमंद होगी ये 2024 चुनाव के बाद पता चलेगा.
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