झारखंड : राष्ट्रपति चुनाव में 9-10 कांग्रेस विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग, विधायक दल की बैठक में पार्टी करेगी मंथन

राष्ट्रपति चुनाव में अपने विधायकों द्वारा किये गये क्रॉस वोटिंग पर कांग्रेस मंथन करेगी

Update: 2022-07-24 03:56 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रपति चुनाव में अपने विधायकों द्वारा किये गये क्रॉस वोटिंग पर कांग्रेस मंथन करेगी। इसके लिए 28 या 29 जुलाई को विधायक दल की बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी शामिल रहेंगे। दोनों नेता कांग्रेस विधायकों से वन टू वन मुलाकात कर सभी वस्तुस्थिति से अवगत होंगे। इससे पहले कांग्रेस के विधायक दिल्ली भी तलब हो सकते हैं।

हालांकि कांग्रेस के विधायक खुद के क्रॉस वोटिंग से इनकार कर रहे हैं और अंगुली दूसरे विधायकों की ओर उठा रहे हैं। बावजूद इसके इतना तय है कि क्रॉस वोटिंग हुई है और कांग्रेस के नौ से 10 विधायकों ने ऐसा किया है। कुछ कांग्रेस विधायकों ने पहले भी कहा था कि राष्ट्रपति के लिए विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा का समर्थन करने से पहले पार्टी विधायकों से इस पर चर्चा करनी चाहिए थी। विधायक बनाने में जनता और समाज का बड़ा योगदान रहता है। उनकी उपेक्षा कर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसे विधायक जिनकी जीत में एक खास समाज का अहम योगदान होता है, उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है। इस मामले में पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक पर अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है। झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 29 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले विधायक दल की बैठक होगी।
प्रेशर पॉलिटिक्स- हम साथ-साथ हैं
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने से झारखंड में प्रेशर पॉलिटिक्स को एक बार फिर से हवा मिल गई है। विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा के साथ-साथ झामुमो को बता दिया है कि हम सब साथ-साथ हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों ने भाजपा के साथ-साथ झामुमो को भी संदेश दे दिया है।
कांग्रेस विधायकों के कई बार भाजपा से संपर्क होने, पैसे की पेशकश करने से लेकर पार्टी तोड़ने तक के आरोप लगे। ऐसे विधायकों की क्रॉस वोटिंग से स्पष्ट हुआ कि वे राष्ट्रपति चुनाव में केंद्र सरकार के फैसले के साथ हैं। ऐसे में अब गेंद भाजपा के पाले में हैं, लेकिन भाजपा इस तरह के किसी भी कयास से इनकार कर रही है।
महाराष्ट्र फॉर्मूले से भी इनकार नहीं
राजनीतिक जानकारों की माने तो कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग से झारखंड में महाराष्ट्र फॉर्मूला से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस के वैसे विधायक जो अपनी ही सरकार, अपने मंत्रियों के कामकाज से खुश नहीं थे या फिर वैसे मंत्री जिन्हें लग रहा है कि अब उनकी कुर्सी खतरे में है तो वे पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। कांग्रेस का विक्षुब्ध धड़ा कुछ फैसले ले सकता है। कांग्रेस के अपने 17 विधायक हैं, जबकि विधायक प्रदीप यादव भी कांग्रेस के साथ हैं। ऐसे में अगर विक्षुब्ध धड़ा अपना रास्ता अलग करना चाहें तो उसे कम से कम 13 विधायकों का साथ चाहिए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, 'झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र से पहले रांची में कांग्रेस विधायक दल की बैठक आयोजित होनी है। अभी इस बैठक की तारीख पर फैसला नहीं हुआ है।'
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