Ranchi,रांची: मध्य अफ्रीका के कैमरून में कथित तौर पर फंसे झारखंड Stranded Jharkhand के कुल 27 मजदूर बुधवार को राज्य लौट आए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मजदूरों ने हाल ही में एक वीडियो संदेश के माध्यम से राज्य सरकार से मदद मांगी थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें नियोक्ता से वेतन नहीं मिल रहा है और उन्हें रोजाना भोजन की व्यवस्था करने में भी परेशानी हो रही है। इसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी का आग्रह किया। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, “हमें अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 27 लोगों की समस्याओं के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद झारखंड सरकार ने पहल की और उन्हें करीब 30 लाख रुपये की बकाया राशि का भुगतान करवाया और उन्हें राज्य में वापस लाया," सोरेन ने एक्स पर कहा।
उन्होंने कहा कि लौटने पर प्रत्येक मजदूर को 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई। इससे पहले दिन में मजदूर गिरिडीह के पारसनाथ रेलवे स्टेशन पहुंचे। विज्ञप्ति में कहा गया कि 27 मजदूरों में से 18 बोकारो जिले के हैं, पांच हजारीबाग और चार गिरिडीह के हैं। मजदूरों में से एक ने कहा कि एक एजेंसी उन्हें 29 मार्च को अफ्रीकी देश ले गई थी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हमने वहां एक ठेकेदार के तहत चार महीने तक काम किया, लेकिन हमें कोई भुगतान नहीं मिला। हमें भोजन से संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ा।" झारखंड के श्रम सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि उनके विभाग में 10 लाख पंजीकृत मजदूर हैं।