जामताड़ा: साइबर क्राइम के लिए अब झारखंड की जमीन का इस्तेमाल नहीं हो सकेग, जानें प्लान
झारखंड की जमीन से देशभर में साइबर अपराधियों के द्वारा ठगी के वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड की जमीन से देशभर में साइबर अपराधियों के द्वारा ठगी के वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। साइबर अपराधियों के द्वारा इसके लिए फर्जी सिमकार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। इसके मद्देनजर राज्य पुलिस मुख्यालय फर्जी सिमकार्ड के उपयोग पर रोक लगायेगा। इसके लिए साइबर अपराध के हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित इलाकों में इस्तेमाल होने वाले सभी सिम कार्ड की जांच होगी। उनका सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के बाद फर्जी तरीके से जारी सिम कार्ड को लेकर अलग से एफआईआर दर्ज की जाएगी। राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत साइबर स्वच्छ भारत के तहत इस अभियान को चलाया जाएगा ताकि साइबर अपराध पर लगाम लग सके।
मेवात मॉडल अपनाएगी पुलिस
पुलिस के मुताबिक, साइबर अपराधियों पर लगाम के लिए मेवात मॉडल अपनाया जाएगा। हरियाणा के मेवात से भी साइबर अपराध के मामले लगातार सामने आए हैं। यहां 16.69 लाख सिमकार्ड का पुन:सत्यापन कराया गया था। इसमें 4.27 लाख सिम अवैध तरीके से चालू कराने की बात सामने आयी। इसके बाद इन्हें बंद करा दिया गया था। इन सिम कार्ड के अवैध तरीके से इश्यू किए जाने के मामले में अलग से कार्रवाई भी की गई।
जामताड़ा में अधिकतर सिम बंगाल से इश्यू
जामताड़ा में दर्ज साइबर अपराध के मामलों की जांच के दौरान यह तथ्य आया है कि अधिकतर मामलों में इस्तेमाल सिम कार्ड बंगाल से इश्यू कराए गए हैं। बंगाल के इलाकों में जांच के दौरानपाया गया कि कई मृत लोगों, मजदूरों के नाम से सिम कार्ड इश्यू करा लिया गया था।
इस सिम कार्ड के जरिए ही कॉल कर लोगों को ठगा जा रहा था। पश्चिम बंगाल के नादिया, 24 परगना, बांकुड़ा, पुरूलिया जिलों से सर्वाधिक सिम कार्ड इस्तेमाल हुए थे। पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी थी कि साइबर अपराधियों ने छोटे छोटे दुकानदारों, राशन दुकानों, फोटो कॉपी सेंटरों से अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए कागजात हासिल किए। इसके बाद इन कागजातों का इस्तेमाल करते हुए फर्जी सिम हासिल किया।
सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि कई मृत लोगों, मजदूर, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के नाम से सिम कार्ड इश्यू करा लिया गया था। इस सिम कार्ड के जरिए ही कॉल कर लोगों को ठगा जा रहा था। पश्चिम बंगाल के नादिया, 24 परगना, बांकुड़ा, पुरूलिया जिलों से सर्वाधिक सिम कार्ड इस्तेमाल हुए थे। पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी थी कि साइबर अपराधियों ने छोटे छोटे दुकानदारों, राशन दुकानों, फोटो कॉपी सेंटरों से अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए कागजात हासिल किए। इसके बाद इन कागजातों का इस्तेमाल करते हुए फर्जी सिम हासिल किया।
झारखंड के इन इलाकों में होती है ज्यादा ठगी
राज्य पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, झारखंड में जामताड़ा साइबर ठगों का गढ़ है। इसके अलावा हाल के दिनों में देवघर साइबर अपराधियों के नए सेंटर के तौर पर उभरा है। गिरिडीह, धनबाद, कोल्हान व रांची में भी साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं।