Jamshedpur: हाई कोर्ट में होटल मालिक के केस हारने के बाद रेल विभाग ने की कार्रवाई

Update: 2024-09-23 10:28 GMT
Jamshedpur जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित मोहित होटल को सोमवार को जमींदोज कर दिया गया. रेलवे प्रशासन ने उक्त होटल को पोकलेन लगाकर तोड़ दिया. इससे पहले शुक्रवार को होटल मालिक करन सिंह को होटल खाली करने का आदेश दिया गया था. होटल तोड़े जाने के दौरान काफी संख्या में आरपीएफ के जवान मौजूद रहे. इससे पहले सुबह दंडाधिकारी की मौजूदगी में आरपीएफ ने अनाउंस करके जगह खाली करने के लिए कहा. हालांकि होटल का अधिकांश समान हटा लिया गया था. लेकिन एक-आध सामान अंदर रह गया था. जिसे तोड़ने के
दौरान हटाया गया.
 मौके पर दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त शैला मिंज ने बताया कि मोहित होटल मामले में दो वर्ष पहले रेलवे के पक्ष में फैसला आया. उसके बाद होटल खाली करने का आदेश दिया गया, लेकिन होटल खाली नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि मोहित होटल की ओर से कोर्ट में केस दायर किया गया. जिसे बाद में उन लोगों ने वापस ले लिया. किसी तरह का स्टे ऑर्डर नहीं होने के कारण इसे तोड़ना पड़ा. दंडाधिकारी ने बताया कि इस खाली जगह का उपयोग पब्लिक यूटिलिटी के रूप में होगा.
 ज्ञात हो कि इससे पहले लगभग दो वर्ष पहले सिंह हिंदू होटल को रेलवे ने तोड़ दिया था. हाल ही में 16 सितंबर को प्रधानमंत्री के टाटानगर दौरे को देखते हुए रेलवे ने सिंह हिंदू होटल वाली जमीन को समतल कर वहां पार्किंग का निर्माण कर दिया. उम्मीद की जा रही है कि मोहित होटल को भी समतल कर पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. मोहित होटल को जमींदोज किए जाने के बाद स्टेशन और इसके आस-पास रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर सालों से रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है. अब उन्हें लग रहा है कि उनका आशियाना अब बचने वाला नहीं है.
 बगैर नोटिस के तोड़ा : करन सिंह
मोहित होटल के मालिक करन सिंह ने बताया कि चार दशक पहले से उनका होटल यहां चल रहा है. 40 वर्ष पहले उनके पिता ने यहां होटल चलाना शुरू किया. स्टेशन के समीप यात्रियों के खाने-पीने का कोई होटल नहीं होने के कारण यात्री यहां आकर खाना खाते थे. करन सिंह ने बताया कि रेलवे से उनका हाई कोर्ट में केस चल रहा था. 2017 में उनके पिता केस हार गए. उसके बाद वे लोग अपील में गए. लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई. इस बीच होटल तोड़े जाने की सुगबुगाहट होने के बाद सांसद के माध्यम से रेलवे के अधिकारियों से वार्ता की गई. जिसमें रेलवे के अधिकारियों ने दुर्गा पूजा बाद कार्रवाई करने की बात कही. लेकिन उससे पहले ही बिना नोटिस के होटल को तोड़ दिया गया.
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