महादलित परिवारों के घर ध्वस्त कर बेघर करने वाला इसरार अहमद गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला
सोमवार को मुसहर परिवारों को उजाड़ने के मामले में 12 नामजद सहित 150 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सोमवार को मुसहर परिवारों को उजाड़ने के मामले में 12 नामजद सहित 150 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में मुखिया इसरार अहमद, सदर शेख रसूल अहमद व अन्य आरोपी मुमताज अंसारी को गिरफ्तार कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
सदई मुसहर के बयान के आधार पर आरोपियों पर एफआईआर की गई है। आरोपी इसरार अहमद, असरूदीन अहमद, सलीम अंसारी, मुमताज अंसारी, डॉ रसूल, अहमद, गुलाम ख्वाजा, जसरूद्दीन अंसारी, कुमुद्दीन अंसारी आदि के खिलाफ प्राथमिकी की गई है। बयान में सवई मुसहर ने कहा है कि दस-बाहर झोपड़ी बनाकर दस वर्षो से करीब 50 सदस्य मुरुमातू में रहते आ रहे हैं। 29 अगस्त को करीब 150 महिला पुरुष हरवे-हथियार से लैश होकर पहुंचे थे। सभी ने मुसहर परिवारों को कही और जाने को कहा। आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली गलौज किया। इसके बाद मारने-पीटने लगे और फिर झोपड़ी को तोड़ते हुए सभी सामान एक ट्रैक्टर और एक पिकअप में लादकर ड्राइवर को बोले कि ये लोग जहां जाना चाहते हैं वहां छोड़ दो। जब डर से सभी लोग गाड़ी में बैठ गए तब ड्राइवर उन्हे छतरपुर थाने के लोटो गांव में ले जाकर छोड़ दिया।
मुसहरों को नहीं बसा सका प्रशासन
मुरुमातू गांव से उजाड़े गए 50 मुसहर परिवारों को दूसरे दिन यानी मंगलवार को पुराने जगह पर बसाने में प्रशासन को सफलता नहीं मिली। पांडू थाना परिसर में पीड़ित परिवारों को खाना खिलाने, धोती-साड़ी व अन्य सामग्री देकर प्रशासन की टीम मेदिनीनगर सदर अंचल के अनुमंडल पदाधिकारी राजेश कुमार साह और विश्रामपुर पुलिस अनुमंडल के अनुमंडलीय पुलिस पदाधिकारी सुरजीत कुमार के नेतृत्व में मुरुमातू पहुंचकर संबंधित जमीन पर पीड़ितों को फिर से बसाने का प्रयास किया। परंतु प्रतिपक्षी समुदाय विशेष के महिला-पुरुषों के उग्र विरोध के कारण प्रशासन को वापस लौटना पड़ा।
राज्यपाल रमेश बैस ने दो दिन में मांगी विस्तृत रिपोर्ट
राज्यपाल ने लगभग 50 महादलित परिवारों के घर ध्वस्त कर बेघर करने की खबर पर चिंता जताई है। राज्यपाल ने मामले को संज्ञान लेते हुए पलामू डीसी से पूरी घटना के संदर्भ में दो दिनों में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है।