रांची हिंसा मामले पर तीन माह बाद भी पूरी नहीं हुई जांच, मांगा गया और दो महीने का एक्सटेंशन

राजधानी के मेन रोड में बीते 10 जून को जुमे के नमाज के बाद हिंसा भड़की थी.

Update: 2022-09-24 06:26 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  राजधानी के मेन रोड में बीते 10 जून को जुमे के नमाज के बाद हिंसा भड़की थी. जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने बीते 11 जून को उच्चस्तरीय जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की थी. जिसमें सचिव अमिताभ कौशल और एडीजी संजय लाठकर शामिल थे. कमिटी को जांच के लिए एक सप्ताह का समय राज्य सरकार की तरफ से दिया गया था. जिसके बाद कमिटी ने जांच के लिए समय की मांग की थी. जिसके बाद सरकार ने एक सप्ताह का समय दिया था. इस दौरान जांच कमिटी ने घटनास्थल पर जाकर जांच की थी और कई लोगों का बयान भी दर्ज किये थे, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद जांच कमिटी ने की जांच पूरी नहीं हुई है. जानकारी के मुताबिक जांच कमिटी ने जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए और दो महीने का समय मांगा है. पढ़ें – बोकारो : 16 घरों में चला जेसीबी, विरोध कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हुई हाथापाई

CID ने 11 नामजद के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की
बता दें कि जांच कमिटी के अलावा सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है. सीआइडी के डीएसपी महेंद्र सिंह मुंडा इस मामले की जांच कर रहे हैं. सीआइडी ने हिंसा मामले में 11 नामजद के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गयी है. जिसमें मोहम्मद अमजद, इरफान जुवेर आलम उर्फ इरफान अंसारी, मोहम्मद माज, अरमान हुसैन, सरफराज आलम, शहबाज, अफसर आलम, रमजान अली और तीन अन्य लोग शामिल हैं. उपद्रव के दौरान गोली लगने से मारे गये मुद्दस्सिर उर्फ कैफी और मोहम्मद साहिल का नाम भी इसमें शामिल है. झारखंड पुलिस की जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से आये तीन लोगों के अलावा बिहार के पटना से आये तीन लोगों ने भी भीड़ को उपद्रव के लिए उकसाया था. इस घटना के तीन महीने बीत जाने के बाद भी मुख्य साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.
50 से ज्यादा लोग हुए थे घायल
गौरतलब है कि बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के बयान के बाद राजधानी रांची के मेन रोड में दस जून को हिंसा हो गयी थी. इसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे. इन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसमें दो लोगों की मौत हो गयी थी. एकरा मस्जिद चौक से सर्जन चौक से पहले तक उपद्रवियों ने जमकर उपद्रव मचाया और पत्थरबाजी की थी. इस दौरान पुलिस की तीन पीसीआर वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. वहीं डेली मार्केट स्टैंड में खड़ी करीब एक दर्जन से अधिक कार में तोड़फोड़ की गयी थी. घटना के दौरान मेन रोड की कुछ दुकानें खुली थीं. इस कारण दुकानों के बाहर एक दर्जन से अधिक बाइक व स्कूटी खड़ी थीं. सड़क किनारे खड़े इन वाहनों को उपद्रवियों ने निशाना बनाया. राहगीरों के वाहनों में भी तोड़फोड़ की गयी. पत्थरबाजी पर काबू पाने के लिए पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया और फायरिंग की. हिंसा के बाद रांची के मेन रोड में धारा 144 लागू कर दिया गया था. रांची में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गयी थी. सीएम हेमंत सोरेन ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित किए थे.
जानिए क्या है पूरा घटनाक्रम
10 जून 2022: मेन रोड में हिंसा भड़की, दो की मौत कई घायल हुए.
10 जून 2022: रांची में इंटरनेट सेवा बंद किया गया और हिंसा प्रभावित इलाके में धारा 144 लागू की गई.
11 जून 2022: सीएम के आदेश पर 2 सदस्य जांच कमिटी का गठन.
13 जून 2022: जांच कमेटी ने अपनी जांच शुरू की.
14 जून 2022: गवर्नर रमेश बैस ने DGP को दिए निर्देश, चौराहों पर नाम-पते के साथ लगवाएं उपद्रवियों के पोस्टर.
16 जून 2022: राज्यपाल के आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के लगाए पोस्टर, प्रधान सचिव ने SSP को भेजा नोटिस
25 जून 2022: रांची हिंसा की अब सीआईडी करेगी जांच, पुलिस मुख्यालय ने जारी किए आदेश.
6 जुलाई 2022: रांची हिंसा की सीआईडी जांच शुरू.
10 सितंबर 2022: सीआईडी ने किया चार्जशीट किया दाखिल
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