रांची में 20-30 साल के नौजवान कोरोना के टारगेट पर, जानिए कितने सक्रिय मरीज
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रांची में कोरोना की चौथी लहर में संक्रमण का सबसे अधिक असर युवाओं पर हुआ है। कुल संक्रमितों की तुलना में 32 फीसदी संक्रमण 20 से 30 साल आयुवर्ग के युवाओं में हुआ है। ये सभी युवा कॉलेज और कामकाजी ग्रुप के हैं। वहीं, कुल संक्रमितों की तुलना में रांची में 30 से 45 आयुवर्ग के 25 फीसदी लोग अबतक संक्रमित हुए हैं।
इसके अलावा 45 से 60 साल तक के लोगों में संक्रमण दर 24 फीसदी रही है। वहीं, इस बार रांची में 60 से अधिक साल के सिर्फ 16 फीसदी बुजुर्ग ही संक्रमण के चपेट में आए हैं। इस बार की लहर में 15 साल तक के महज 4 फीसदी बच्चे ही संक्रमण की चपेट में आए हैं।
डॉक्टरों ने बताया कि इस बार की लहर बहुत अधिक गंभीर नहीं थी, पर इसको लेकर भी सतर्कता बरतने की जरूरत थी। इस बार सबसे अधिक युवा इसलिए चपेट में आए, क्योंकि वे सबसे अधिक बाजारों में रहते हैं। वहीं किसी तरह की कोई सवाधानी का भी ख्याल नहीं रखा गया। उन्होंने बताया कि अब भी लोगों को भीड़भाड़ से बचकर रहने की जरूरत है।
रांची में अब सिर्फ 113 एक्टिव मरीज:
रांची जिला में पिछले दस दिनों में तेजी से मरीजों की संख्या में कमी आई है। रांची जिला में सिर्फ 113 ही एक्टिव मरीज हैं। मरीज मिलने की तुलना में अधिक लोग कोरोना मुक्त हो रहे हैं।
रांची में सोमवार को जहां 32 मरीज ठीक हुए थे, वहीं 20 लोग कोरोना संक्रमित हुए थे। बता दें कि रांची जिला में फिर से जांच की संख्या में कमी आ गई है, जिससे मरीजों के मिलने की रफ्तार कम हो गई है। डॉक्टरों ने कहा कि लोगों को फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है। सावन में लोग बड़ी संख्या में एक साथ एकत्रित हो रहे हैं, इससे जोखिम तो है।
रांची में अब तक 12 फीसदी लोगों ने ही ली है बूस्टर डोज :
डॉक्टरों ने अनुसार, कोविड टीका अबतक बहुत कारगर रहा है। कोविड टीका लेने के कारण लोग तीसरी और चौथी लहर में बहुत अधिक प्रभावित नहीं हुए हैं। वहीं इसी वजह से मृत्यु दर भी बहुत कम थी, इसलिए विशेषज्ञों ने लोगों से बूस्टर डोज लेने की अपील की थी। इसके बाद भी 18 से 60 आयु वर्ग के महज 12 फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज ली है।