झारखंड के खूंटी जिला में अंधविश्वास ने एक व्यक्ति की जान ले ली. डायन के आरोप में पड़ोसियों ने ही भानु मुंडा का गला काट कर हत्या कर दी. मामला तीन सितंबर की रात अड़की थाना क्षेत्र के सेरेंगहातु गांव की है. आरोपी मदन मुंडा का बेटा की तालाब में डुबकर और कुछ ही दिनों के बाद बहु भी बीमार रहने लगी और बीमारी के कारण बहू की भी मौत हो गयी. जिस दिन बहू की मौत हो गयी और अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, तो हत्याकांड के आरोपी मदन मुंडा का छोटा बेटा भी अचानक कांपने लगा और मूर्छित होकर गिर गया. इसके बाद मदन मुंडा ओझा के पास गया और घर बुला कर जंत्र मंत्र का ढोंग करते हुए ओझा ने भानु मुंडा की पत्नी बिरसमती को डायन बताया.
अंधविश्वास ने ली शख्स की जान
इसके बाद मदन मुंडा ने ग्रामीणों के साथ मिल कर बिरसमती देवी को हत्या करने के लिये उसका घर पहुंच गया, लेकिन उस समय घर में मृतक भानु मुंडा की नतनी घर में थी. उससे बिरसमती के बारे पूछा कि कहां है, तो हिसी देवी ने बताया कि घर में कोई नहीं है. जिसके बाद उसने धमकी दिया कि मिलने पर भानु और उसकी पत्नी को जान से मार देंगे और लौट गये. जब रात को भानु और उसकी पत्नी घर आई तो नतनी ने पुरी बात बताई कि मदन मुंडा अपने सहयोगियों के साथ हथियार लेकर मारने के लिए दोनों को खोज रहा है. डर से बिरसमती देवी और नतनी घर से भाग गयी, लेकिन भानु घर पर ही सो गया. रात में आरोपीयों ने मिलकर भानु मुंडा का गला काटकर हत्या कर दी.
जांच में जुटी पुलिस
घटना के बाद मृतक के बेटा ने थाना में मामला दर्ज कराया. जिसके बाद पुलिस मामले की छानबीन करते हुए ओझा राम मुंडा, मदन मुंडा, सुखराम मुंडा, गुरुवा मुंडा,रुशु मुंडा ,बाले मुंडा और सामु मुंडा को गिरफ्तार कर लिया. मामले में एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि इनसे पुछताछ करने पर इनलोगों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर लिया. इनके निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्कत हथियार, खून लगा हुआ शर्ट, ओझा का त्रिशुल और पूजा का सामान बरामद किया. डायन के आरोप में इनलोगों ने मिल कर हत्या कर दी. घटना पर पर मामला दर्ज कर धारा 302/34 और 3/4 डायन प्रथा प्रतिषेध के तहत जेल भेजा जा रहा है.