Jharkhand पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भाकपा माओवादी के चार और नक्सली शामिल
Ranchi रांची : झारखंड पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भाकपा माओवादी संगठन के चार और नक्सलियों को शामिल किया गया है. इनमें इसराइल पूर्ति, मिना, डांगर तीयू और सोनाराम शामिल हैं. साथ ही पुलिस ने इन सभी पर इनाम की भी घोषणा की है. इसके बाद झारखंड में इनामी नक्सलियों की संख्या बढ़कर 73 हो गयी है.
मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किये गये नक्सलियों पर इतना इनाम घोषित :
इसराइल पूर्ति : एक लाख इनाम.
मिना : दो लाख इनाम.
डांगर तीयू : दो लाख इनाम.
सोनाराम : दो लाख इनाम.
साल 2024 में 15 नक्सलियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि झारखंड पुलिस ने राज्य से नक्सलियों का सफाया करने के लिए साल 2024 में लगातार अभियान जारी रखा. नक्सल प्रभावित जिलों में सेंट्रल फोर्सज के साथ अभियान चलाया. इस दौरान पुलिस ने कई सफलताएं हासिल की. अगर हम टॉप नक्सलियों की गिरफ्तारी की बात करें तो बीते साल झारखंड पुलिस ने एक सैक मेंबर, दो जोनल कमांडर, छह सब जोनल कमांडर और छह एरिया कमांडर को गिरफ्तार किया. इन सभी पर 36 लाख का इनाम घोषित था.
झारखंड में अब सिर्फ पांच जिले नक्सल प्रभावित
फिलहाल राज्य में सिर्फ पांच जिले (गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम) नक्सल प्रभावित रह गये हैं. देश के पांच राज्यों के 12 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में झारखंड का सिर्फ एक जिला पश्चिमी सिंहभूम शामिल है.
झारखंड में इन नक्सलियों का दस्ता सक्रिय :
– चाईबासा जिले के जराइकेला और टोंटो थाना क्षेत्र में मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, सिंगरई और अजय महतो का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 65 नक्सली कैडर शामिल हैं.
– चाईबासा जिले के गोइल केरा और सोनूवा थाना क्षेत्र में मेहनत और अमित मुंडा का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 30 नक्सली कैडर हैं.
– बोकारो जिले के जागेश्वर बिहार थाना क्षेत्र में विवेक और रघुनाथ का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 23 नक्सली कैडर शामिल हैं.
– लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में रविंद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में पांच नक्सली कैडर हैं.
– चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र में मनोहर गंझू का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में तीन नक्सली कैडर शामिल हैं.
– पलामू जिले के मोहम्मदगंज और हैदरनगर थाना क्षेत्र में नितेश यादव का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में छह नक्सली कैडर हैं.
भाकपा माओवादी के कमजोर होते ही छोटे-छोटे अपराधी व उग्रवादी संगठन हुए सक्रिय
झारखंड में भाकपा माओवादी संगठन के कमजोर होते ही छोटे-छोटे अपराधी और उग्रवादी संगठन सक्रिय हो गये हैं. ये रंगदारी और लेवी वसूलने के लिए वाहनों में आगजनी और गोलीबारी की घटना को अंजाम दे रहे हैं. झारखंड में नक्सलवाद की समस्या 95 फीसदी खत्म हो चुकी है. छोटे-छोटे समूह में तब्दील होकर अपराधी और उग्रवादी संगठन आगजनी के साथ-साथ व्हाट्सएप कॉल पर कारोबारियों से रंगदारी की मांग कर रहे हैं.