राँची न्यूज़: झारखंड में हाई स्कूलों के लिए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 2016 में आवेदन किये अभ्यर्थियों को मौका दिया जा रहा है. 19 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3469 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा. बावजूद इसके जिलों में चल रही काउंसिलिंग में चयनित अभ्यर्थी नहीं पहुंच रहे हैं.
सरकार जहां काउंसिलिंग में नहीं आने वाले अभ्यर्थियों के पदों को बैकलॉग में देने की तैयारी कर रही है, वहीं, अभ्यर्थी बची सीटों पर सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के बाद वेटिंग लिस्ट में रखे अभ्यर्थियों को मौका देने की मांग कर रहे हैं. राज्य में चल रही काउंसिलिंग के आधार पर अभी भी करीब 5600 पदों पर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है. अभ्यर्थियों के काउंसिलिंग में नहीं पहुंचने सभी सीटें नहीं भर पा रही हैं.
बचे 5600 में करीब 4000 पदों के बैकलॉग में जाने की संभावना विभागीय सूत्रों की माने तो करीब 4000 पद खाली रहने की संभावना है. ये पद बैकलॉग में चले जाएंगे और नई नियुक्ति में इसे शामिल किया जाएगा. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने निर्धारित सीटों से ज्यादा अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन किया था. जिलों को नियुक्ति के लिए भेजी गई अनुशंसा में निर्धारित पदों के समान ही अभ्यर्थियों की संख्या भेजी गई. उन्हीं अभ्यर्थियों को जिलों में काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया. इसमें सभी अभ्यर्थी नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे पद बैकलॉग में जाने की संभावना बन रही है.
2018-19 में भी हुई थी काउंसिलिंग
अभ्यर्थियों की माने तो 2016 में आवेदन लेने के बाद 2018-19 में ही बहुत से अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन हो गए थे. इसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2022 में जब फैसला सुनाया तो नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई. इसके बाद सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होने वाले का मेरिट लिस्ट निकालकर अनुशंसा की गई. मेरिट लिस्ट के कई अभ्यर्थी पहले ही प्लस टू में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक, बिहार-बंगाल की शिक्षक बन चुके हैं और दूसरी सेवा में जा चुके हैं, जबकि कई कोरोना काल में दुनिया से चल बसे. इससे मेरिट लिस्ट की सीटें खाली रह जा रही हैं.
अभ्यर्थी सुनील कुमार, शंकर सुमन समेत अन्य ने कहा कि 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में वेटिंग लिस्ट वाले अभ्यर्थियों को भी मौका मिले. मेरिट लिस्ट के अभ्यर्थियों के नहीं पहुंचने पर जो सीटें खाली रह जा रही है, उसके लिए वेटिंग लिस्ट में से दूसरी सूची जारी की जाए और नियुक्ति का अवसर दिया जाए. इसके लिए कई विधायकों ने भी सरकार को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी 17,787 पदों को भरने का आदेश दिया है.