हाईकोर्ट रांची हिंसा के मामले में सोरेन सरकार के जवाब से नाराज, पूछा- क्यों न सीबीआई को सौंपी जाए जांच

रांची हिंसा के मामले में सरकार के जवाब पर हाईकोर्ट ने फिर असंतोष जताया है।

Update: 2022-08-19 02:10 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रांची हिंसा के मामले में सरकार के जवाब पर हाईकोर्ट ने फिर असंतोष जताया है। गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि मामले की जांच सही दिशा में नहीं की जा रही है। सिर्फ एक केस ही सीआईडी को सौंपा गया। ऐसे में क्यों न मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए।

अदालत ने उक्त बातें तब कही, जब एनआईए की ओर से कहा गया कि यह यूएपीए एक्ट के उल्लंघन का मामला नहीं बनता। इसलिए एनआईए जांच नहीं कर सकती। अदालत ने एसएसपी और थाना प्रभारी से संबंधित फाइल कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही हिंसा के दौरान रांची में दर्ज 31 प्राथमिकी की प्रगति रिपोर्ट डीजीपी से मांगी है।
सरकार की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि प्रशासनिक व्यवस्था के तहत एसएसपी सुरेंद्र झा का ट्रांसफर किया गया है। थाना प्रभारी घायल थे इसलिए उनका स्थानांतरण किया गया है। अदालत ने कहा कि एसएसपी का ट्रांसफर किया गया तो उन्हें मुख्यालय में क्यों रखा गया है। जब थाना प्रभारी घायल थे तो उनके स्थान पर इंचार्ज थाना प्रभारी बनाया जा सकता था। उन्हें हटा क्यों दिया गया। इनकी फाइल भी कोर्ट में पेश की जाए।
मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर सीआईडी जांच
रांची हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने अदालत को बताया कि मानवाधिकार आयोग ने अपने एक आदेश में कहा है कि जब भी किसी मामले में पुलिस की गोली से कोई घायल होता है, तो ऐसे मामलों की जांच सीआइडी से कराई जाए। इसके आलोक में उक्त मामले को सीआइडी को सौंपा गया है। इस पर अदालत ने वर्ष 2010 के बाद ऐसे सभी मामलों की सूची मांगी है, जिसमें पुलिस की गोली से लोग घायल हुए हैं और उसकी जांच सीआइडी को सौंपी गई है। इसके अलावा अदालत ने डीजीपी को थानों में दर्ज प्राथमिकी की जांच और वर्तमान स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया।
डीजीपी से केस की जानकारी मांगी
अदालत ने डीजीपी से उन सभी केस की जानकारी मांगी जो रांची हिंसा के दौरान दर्ज किए गए थे। अदालत ने कहा कि सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि सिर्फ डेली मार्केट थाने में दर्ज मामले को ही सीआइडी को सौंपा गया। शेष 31 प्राथमिकी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
क्या है मामला
दस जून को रांची के मेनरोड में हिंसा हुई थी। एक साथ दस हजार लोग जमा हो गए थे और तोड़फोड़ की गई थी। कई व्यापारिक प्रतिष्ठान व वाहनों में तोड़-फोड़ की गई थी।
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