घोर लापरवाहीः लाखों रुपए के ORS बर्बाद, अस्पताल में सड़ गयी जीवनरक्षक दवा

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Update: 2022-01-15 08:47 GMT

ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स आईपी यानी ओआरएस। डायरिया अथवा डिहाइड्रेशन को रोकने में काम आने वाली यह दवा जीवनरक्षक दवा की श्रेणी में आती है। जनता के लाखों रुपए से खरीदी गई इस दवा के हजारों पैकेट स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से बर्बाद हो गए। यह मामला है सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनबाद का। इस केंद्र को उपलब्ध करवाए गए ओआरएस का वितरण नहीं किया गया। इसे जर्जर भवन में डंप कर दिया गया और यह बेकार हो चुका है।

10-12रुपए है बाजार में एक पैकेट ओआरएस की कीम
स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो डायरिया नियंत्रण समेत अन्य कार्यक्रमों के तहत पिछले साल यह जीवन रक्षक दवा जिला को आपूर्ति की गई थी। जिला से सभी स्वास्थ्य केंद्रों को यह उपलब्ध कराया गया था। स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि इस ओआरएस के पैकेट का वितरण करवाया जाए। इसका वितरण एएनएम, सहिया आदि के माध्यम से किया जाना था। सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हजारों की संख्या में ओआरएस का पैकेट कैंपस के एक पुराने भवन में बंद कर दिया गया। यह पैकेट आज भी गंदगी और कचरे के बीच पड़ा है। बाजार में इस एक पैकेट की कीमत 10-12 रुपए है।
मार्च 2022 में होगी एक्सपायर
सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बर्बाद हो रहे इस ओआरएस के पैकेट पर एक्सपायरी डेट मार्च 2022 अंकित है। यानी इस साल मार्च तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता था। सही रखरखाव नहीं होने के कारण अब इसका इस्तेमाल संभव नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार सारे ओआरएस बर्बाद हो चुके हैं।गीली जमीन पर फेंक दिया पैकेट
ओआरएस के कार्टन और पैकेट को जिस भवन में डंप किया गया है, वहां सीपेज होता रहता है। भवन का फर्श गीला है। यही ओआरएस भरा कार्टन और पैकेट फेंक दिया गया है। हर साल फेंका जाता है ओआरएस सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं की बर्बादी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इस केंद्र के कैंपस के अंदर की झाड़ियों में फेंका पड़ा ओआरएस का पैकेट इसका प्रमाण है। यहां भी हजारों की संख्या में ओआरएस फेंका गया है। इस जीवनरक्षक दवा को बर्बाद करने का सिलसिला साल दर साल चल रहा है। कचरे में फेंके गए पैकेट पर एक्सपायरी डेट वर्ष 2017 और 2018 की है।
डिस्पोजेबल डिलीवरी किट भी बर्बाद
इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जीवन रक्षक दवाओं के साथ-साथ डिस्पोजल डिलीवरी किट भी हजारों की संख्या में बर्बाद की गई है। इस केंद्र के गैरेज का एक रूम इन किट से भरा पड़ा है। सारी किट बर्बाद हो चुकी है। हर किट में 4 गौज स्वाब, एक वाइट ब्लीचड कॉटन, तीन कॉटन थ्रेड, एक ब्लेड, 20 ग्राम साबुन और एक पॉलिथीन सीट है। इसके अलावा किशोरियों के बीच वितरण के लिए आया सेनेटरी नैपकिन भी बड़ी संख्या में फेंक दिया गया है।
कहते हैं अधिकारी
ओआरएस वितरण करने का निर्देश दिया गया था। किसी भी स्थिति में ओआरएस बर्बाद नहीं होना चाहिए। इस मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर यह लापरवाही है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। - डॉ श्याम किशोर कांत, सिविल सर्जन, धनबाद


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