कफन सत्याग्रह मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव बने आरोपी
पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, उनकी पत्नी और पूर्व विधायक निर्मला देवी और पुत्र अंकित राज के चिरूडीह खनन को लेकर कफन सत्याग्रह से जुड़े मामले में अभियोजन साक्ष्य पूरा हो गया है.
जनता से रिश्ता। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, उनकी पत्नी और पूर्व विधायक निर्मला देवी और पुत्र अंकित राज के चिरूडीह खनन को लेकर कफन सत्याग्रह से जुड़े मामले में अभियोजन साक्ष्य पूरा हो गया है. मंगलवार को मामले के 21वें और अंतिम गवाह के रूप में विजय शंकर की गवाही दर्ज की गयी. अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने अभियोजन साक्ष्य बंद करते हुए मामले में आरोपियों के बयान दर्ज करने की तारीख 9 दिसंबर निर्धारित की है. उक्त घटना को लेकर बड़कागांव कांड संख्या 228/16 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
मालूम हो कि एक अक्टूबर 2016 को चिरूडीह खनन के रास्ते पर विधायक निर्मला देवी कफन सत्याग्रह कर रही थी. एनटीपीसी के खनन क्षेत्र के दोनों मार्ग अवरूद्ध हो गए थे. विधि-व्यवस्था को ठीक करने के लिए निर्मला देवी को बड़कागांव कांड संख्या 226/16 मामले में गिरफ्तार किया गया।, लेकिन उनके समर्थकों ने पुलिस बल पर जानलेवा हमला करते हुए उन्हें छुड़ा लिया. जिसमें कई अधिकारी गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. मामले में हजारीबाग अदालत ने 14 गवाही दर्ज की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आगे की गवाही रांची सिविल कोर्ट में दर्ज की गयी.
बड़कागांव में कफन सत्याग्रह आन्दोलन चल रहा था. पुलिस प्रशासन लगातार उसे खत्म कराने की कोशिश कर रही थी. इसके लिए कई दौर की बातचीत की गई. लेकिन प्रशासन को सफलता नहीं मिली. प्रशासन ने चुप्पी साथ ली. आंदोलनकारियों ने खनन कार्य में लगी मशीनों को रोक दिया. जिसमें बड़कागांव इलाके की विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस पर गुस्साए ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया. इसी बीच गांव वाले निर्मला देवी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए. पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया. बाद में पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी. जिसमे कई गांव वालों की मौत भी हुई.