झारखंड में सब्सिडी हटते ही दोगुना हुआ बिजली बिल, उपभोक्ताओं के उड़े होश

बढ़ती महंगाई के बावजूद बिजली उपभोक्ताओं के लिए बढ़े हुए बिजली बिल ने मुश्किलें पैदा कर दी हैं।

Update: 2022-06-29 05:07 GMT

फाइल  फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बढ़ती महंगाई के बावजूद बिजली उपभोक्ताओं के लिए बढ़े हुए बिजली बिल ने मुश्किलें पैदा कर दी हैं। भीषण गर्मी से निजात के लिए उपभोक्ताओं ने काफी बिजली के उपकरणों का प्रयोग किया, लेकिन जब मई माह का बिजली बिल आना शुरू हुआ तो सबके होश उड़ गए।

पहले में पंखे, कूलर और एसी चलाने वालों का मासिक बिजली बिल 1300 से 1500 रुपये आता था, जबकि सामान्य बिजली खपत करने वालों का 500 से 800 या अधिकतम 1000 तक आता था। जैसे ही बिजली बिल से सब्सिडी हटी तो 1300-1500 वालों का बिजली बिल अचानक 3000-4000 रुपये महीना तक पहुंच गया है।
अब इस रेट पर बन रहा बिल
बढ़ा हुआ बिजली बिल देखकर अब उपभोक्ताओं के होश उड़ गए हैं। ज्यादा बिल लोगों के घर के बजट और पॉकेट भी हल्का कर रहा है। हजारों रुपये का बिजली बिल उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है। यह समस्या बिजली की नई दर लागू होने के बाद हुई हैं, क्योंकि 400 यूनिट से ऊपर बिजली खपत करने वालों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल रहा है। यह आदेश अप्रैल 2022 से प्रभावी हो गया है। यदि उपभोक्ताओं ने 401 यूनिट भी बिजली खपत की है तो उन्हें 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ रहा है। 400 यूनिट तक खपत करने वाले शहरी उपभोक्ताओं को 3.50 से 4.20 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ रहा है।
जुलाई से चालू होगा प्री-पेड मीटर का काम
जुलाई माह से प्री-पेड मीटर लगाने का काम चालू हो जाएगा। वर्तमान में सर्वे कार्य किया जा रहा है, यह कार्य जेनस नाम की एजेंसी कर रही है। प्री-पेड मीटर में उपभोक्ता वाउचर से जितना रिचार्ज करेंगे, उतनी बिजली खपत करेंगे। रिचार्ज बैलेंस समाप्त होते ही बिजली आपूर्ति स्वत: बंद हो जाएगी। प्री-पेड मीटर में चिप लगेगी, जो बिजली वितरण निगम लिमिटेड के ऑटोमेटिक सिस्टम से संचालित होगी।
यह बोले अफसर
जेवीएनएल के रांची एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने कहा कि चार सौ यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करने वालों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि अब जो बिजली बिल आ रहा है, उससे लोगों को लग रहा है कि ज्यादा बिल आ गया है।
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