खनन पट्टा आवंटन मामले में CM हेमंत सोरेन को निर्वाचन आयोग ने पेश होने को कहा, 31 मई को होगी सुनवाई
पत्थर खनन लीज मामले में झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर भारत निर्वाचन आयोग 31 मई को सुनवाई करेगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पत्थर खनन लीज मामले (Jharkhand Mining lease allotment) में झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर भारत निर्वाचन आयोग 31 मई को सुनवाई करेगा (EC hearing in CM Hemant Soren Case). इस मामले में मुख्यमंत्री को 20 मई तक जवाब दाखिल करना था. उन्होंने अंतिम दिन शुक्रवार को अपने वकील के माध्यम से निर्वाचन आयोग के कार्यालय में जवाब जमा कराया. निर्वाचन आयोग ने खनन पट्टा आवंटन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 मई को व्यक्तिगत रूप से या अपने वकील के माध्यम से पेश होने के लिए कहा है. निर्वाचन आयोग ने सोरेन को इस आरोप पर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस दिया था कि उन्होंने राज्य में एक खनन पट्टा अपने पक्ष में जारी किया था.
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सोरेन के जवाब का अध्ययन करने के बाद निर्वाचन आयोग ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से या अपने वकील के जरिए 31 मई को पेश होने को कहा है. सूत्रों ने बताया कि अगला कदम उठाने से पहले आयोग उनकी या उनके वकीलों की बात सुनेगा. निर्वाचन आयोग अपनी राय राज्यपाल को भेजेगा. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए सरकारी अनुबंध के लिए एक विधायक की अयोग्यता से संबंधित है.
सोरेन ने खुद पर लगे आरोपों को किया खारिज
आयोग ने प्रथमदृष्टया पाया है कि उन्होंने (सोरेन) धारा 9ए के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव एवं पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गुरुवार को एक विशेष संदेशवाहक के जरिये सोरेन का जवाब निर्वाचन आयोग को भेजा गया था जोकि इसके कार्यालय में शुक्रवार को प्राप्त किया गया. इससे पहले 10 मई को सोरेन ने नोटिस का जवाब देने के लिए निर्वाचन आयोग से चार सप्ताह का समय मांगा था लेकिन उन्हें 10 दिन का समय प्रदान किया गया था. सोरेन ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया है.
खनन पट्टा और शेल कंपनियों के मामले में 24 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनियों से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. झारखंड सरकार और हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से आग्रह किया कि 19 मई को झारखंड हाई कोर्ट में जो सुनवाई हुई थी उस कार्यवाही से जुड़े दस्तावेज अपलोड नहीं हुए हैं, इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाय. इस आग्रह को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को अगली सुनवाई की तारीख तय की. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यू. यू. ललित, जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुभाष धूलिया की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.