ईडी को टेंडर कमीशन घोटाला में आईएएस मनीष रंजन के खिलाफ कई साक्ष्य मिले

Update: 2024-05-29 05:28 GMT

रांची : ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाला मामले में IAS मनीष रंजन की भूमिका में ईडी की टीम लगातार जांच कर रही है इस मामले में ईडी ने IAS मनीष रंजन को कागजात लाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. इन चार हफ्तों में ईडी ने उनके संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की मांग की है. बता दें, जांच के दौरान ईडी को IAS मनीष रंजन के खिलाफ कई साक्ष्य मिले है.

आपको बता दें, बीते दिन 28 मई को आईएएस मनीष रंजन से ईडी ने पूछताछ करते हुए उनके बयान दर्ज किए. पूछताछ के दौरान ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम से भी क्रॉस वेरिफिकेशन किया. और दोनों को एक साथ आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की. इससे पहले भी ईडी ने मनीष रंजन को मामले में पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया था लेकिन वे नहीं पहुंचे थे उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर समय की मांग की थी जिसके बाद ईडी ने उन्हें दूसरा समन जारी कर 28 मई को ईडी के जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था. मनीष रंजन वर्तमान में भू राजस्व विभाग के सचिव हैं. इससे पहले वह ग्रामीण विकास विभाग के सेक्रेटरी के पद पर पदस्थापित रह चुके हैं.
बता दें, टेंडर कमीशन घोटाला मामले में मंत्री आलमगीर की गिरफ्तारी के बाद आईएएस मनीष रंजन का नाम सामने आया है. टेंडर के बदले कमीशन लेने का आरोप लगा है. इस मामले में अबतक 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इधर, मंत्री आलमगीर आलम की तीन दिनों के रिमांड अवधि खत्म होने पर आज ईडी उन्हें फिर से पीएमएलए की विशेष कोर्ट में पेश करेगी. इससे पहले गिरफ्तारी के बाद ईडी ने आलमगीर आलम को 11 दिनों के रिमांड पर लिया था और उनसे मामले में पूछताछ की थी.


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