आय से ज्यादा संपत्ति मामले में ईसीएलकर्मी को 4 वर्ष कैद

Update: 2023-06-17 07:17 GMT

धनबाद न्यूज़: आय से अधिक संपत्ति के 16 वर्ष पुराने मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने नामजद आरोपी राजमहल कोलियरी ईसीएल देवघर में पदस्थापित हाजिरी क्लर्क परेश चंद्र गुप्ता को चार वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त को सजा के साथ एक लाख रुपए आर्थिक जुर्माने की भी सजा सुनाई है. सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने 2007 में प्राथमिकी दर्ज की थी. अनुसंधान के बाद सीबीआई ने यह दावा किया था कि परेश चंद्र गुप्ता ने एक जनवरी-1995 से 2007 के बीच 43 लाख 95 हजार रुपए अर्जित किए थे, जबकि उनका कुल खर्च 18 लाख 95 हजार था. सीबीआई ने 25 लाख रुपए की बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था. सीबीआई की ओर से वरीय अभियोजक चंदन कुमार सिंह ने 26 गवाहों का परीक्षण कराया था.

अमन सिंह साक्ष्य के अभाव में रिहा

व्यवसायियों से रंगदारी मांगने व नीरज सिंह हत्याकांड के आरोप में जेल में बंद यूपी का कथित शूटर अमन सिंह व उसके सहयोगी शुभम यादव के खिलाफ पुलिस कोई साक्ष्य अदालत में पेश नहीं कर सकी. इस कारण प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिव्या अश्विनी की अदालत ने अमन सिंह और उसके सहयोगी शुभम यादव को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया है. इस मामले में सिर्फ अमन सिंह को बरी किया गया है.

अमन सिंह के खिलाफ यह मामला कतरास थाने में दर्ज किया गया था, जिसमें तत्कालीन थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने अमन सिंह और शुभम यादव पर व्यवसायी से 10 लाख रुपए रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था.

अमन सिंह के वकील दीप नारायण ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने कुल छह गवाहों की गवाही कराई थी, लेकिन किसी गवाह ने ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया.

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