झारखंड में हिमोफीलिया मरीजों की जान पर आफत, राज्य के 660 पेसेंट को नहीं मिल रहा फैक्टर

झारखंड में हिमोफीलिया मरीजों की जान सांसत में है. राज्य के 660 हिमोफीलिया ग्रसित मरीजों में 570 मरीजों को हिमोफीलिया-ए की जरूरत पड़ती है.

Update: 2022-09-29 01:14 GMT

न्यूज़ क्रेडिट :  lagatar.in

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड में हिमोफीलिया मरीजों की जान सांसत में है. राज्य के 660 हिमोफीलिया ग्रसित मरीजों में 570 मरीजों को हिमोफीलिया-ए (फैक्टर 8) की जरूरत पड़ती है. जबकि 80 वैसे मरीज हैं जिन्हें हिमोफीलिया-बी (फैक्टर 9) की जरूरत पड़ती है. वहीं 10 ऐसे भी मरीज हैं जिन्हें इन्हिबिटर की जरूरत पड़ती है. इस बाबत हिमोफीलिया सोसायटी रांची चैप्टर के सचिव संतोष कुमार जायसवाल ने स्वास्थ विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर हिमोफीलिया फैक्टर उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.जानकारी के मुताबिक, राज्य में 12 हिमोफीलिया डे केयर सेंटर है. इसके अलावा रिम्स (रांची), एसएनएमसीएच (धनबाद), एमजीएम (जमशेदपुर), एसएनपीएमसीएच (पलामू) और पीजेएमसीएच (दुमका) में मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है.

राज्य के किसी भी अस्पताल में नहीं मिल रहा है फैक्टर 9
राज्य की किसी भी अस्पताल में हिमोफीलिया-बी (फैक्टर 9) की दवा नहीं मिल रही है. पिछले एक महीने से भी अधिक समय से ऐसी समस्या बनी हुई है. यह दवा हिमोफीलिया मरीजों के लिए जीवन रक्षक है. जबकि हिमोफीलिया-ए (फैक्टर 8) एसएनएमसीएच धनबाद और सदर अस्पताल रांची में उपलब्ध नहीं हैं.
टेंडर तो निकाला लेकिन नहीं किया गया फाइनल
सचिव संतोष कुमार जायसवाल ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम सदर अस्पताल ने तीसरी बार, जबकि रांची सदर अस्पताल और धनबाद के एसएनएमसीएच अस्पताल में भी तीसरी बार टेंडर निकाला है गया है, लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया है. ऐसी परिस्थिति पिछले चार-पांच महीनों से बनी हुई है.
इन जिले में हिमोफीलिया के इतने मरीज
जिले कुल बच्चे
रांची: 87 35
गिरिडीह: 65 25
जमशेदपुर: 68 25
कोडरमा: 40 20
बोकारो: 45 25
पलामू: 30 08
दुमका: 35 15
धनबाद: 35 21
सरायकेला: 10 08
गुमला: 15 05
हजारीबाग: 48 18
रामगढ़: 20 12
साहेबगंज: 15 09
चतरा: 40 25
सिमडेगा: 10 06
लोहरदगा: 12 08
लातेहार: 25 15
गोड्डा: 14 09
पाकुड़: 12 06
देवघर: 15 08
गढ़वा: 09 05

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